बच्चों की संख्या में समानता होनी चाहिए ! – समान नागरिक कानून के लिए उत्तराखंड सरकार की समिति का ब्योरा

देहरादून (उत्तराखंड) – उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने समान नागरिक कानून लागू करने के लिए समिति स्थापित की थी । इस समिति के ब्योरे में बच्चों की संख्या में समानता होने के संबंध में सूचनाओं की संख्या सर्वाधिक है । इसके साथ इस ब्योरे में स्त्री-पुरूष समानता को प्राधान्य, महिलाओं के विवाह की आयु २१ वर्ष तक बढाने, पिता की संपत्ति में लडकियों को समान अधिकार, तृतीयपंथी दंपत्ति को कानूनी अधिकार का भी समावेश किया गया है । साथ ही ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ (विवाह किए बिना एकत्र रहना) संबंध के उचित पंजीकरण के निर्देश भी सम्मिलित करने की संभावना है । (ऐसी सूचना आई, तो उसे कानून में कोई भी स्थान न देना, यह भारतीय कुटुंबव्यवस्था को अबाधित रखने के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है ! – संपादक)

१. उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार ने पुन: सत्ता पर आते ही मई २०२२ में तुरंत ही विशेषज्ञ समिति की स्थापना की थी ।

२. विविध व्यक्तियों और संस्थाओं की सलाह लेने के उपरांत उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में ५ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति को अनेकों ने सूचना भेजी है ।

३. समिति को उसका ब्योरा ३ माह में देना अपेक्षित था; परंतु उत्तराखंड सरकार ने विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल ६ माह के लिए बढा दिया है ।

संपादकीय भूमिका

इस प्रकार से एक-एक राज्य में समान नागरिक कानून लागू करने के लिए स्वतंत्र समिति की स्थापना करना, आवश्यक ब्योरा तैयार करना आदि के लिए इतना मनुष्यबल खर्च करने की अपेक्षा केंद्र सरकार को ही इस हेतु राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने चाहिए, ऐसी ही राष्ट्रप्रेमियों की अपेक्षा है !