मथुरा की श्रीकृष्णजन्मभूमि का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण करें !

भविष्य में लोकतंत्र मार्ग से इन सभी मंदिरों को प्राप्त करने के पश्चात उनके रक्षणार्थ हिन्दुओं के पास क्या कोई दूरगामी योजना है ? सरकार पर निर्भर न रहते हुए मंदिरों की रक्षा के लिए हिन्दुओं को स्वतंत्र एवं सक्षम यंत्रणा खडी करनी भी उतनी ही आवश्यक है  !

(और इनकी सुनिए…) ‘पुरातत्व विभाग का खर्च हिन्दू पक्ष के न देने से ज्ञानवापी का सर्वेक्षण त्वरित रोका जाए  !’ – अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी

हिन्दू पक्ष द्वारा पूरा खर्च उठाने का न्यायालय द्वारा आदेश देने का कमिटी का दावा

(और इनकी सुनिए…) ‘पंडितों के स्त्रियों को भ्रष्ट करने से औरंगजेब द्वारा ज्ञानव्यापी मंदिर की तोडफोड !’ – भालचंद्र नेमाडे

‘शिवाजी का मुख्य सेनापति मुसलमान था । उन्हें अपने लोगों पर (हिन्दुओं पर) विश्वास नहीं था । उस समय हिन्दू मुसलमान भेद ही नहीं था ।’ ऐसा छत्रपति शिवाजी महाराजजी का एकेरी उल्लेख करते हुए विषवमन !

तलघर में मिली देवता की खंडित मूर्ति !

ज्ञानवापी के सर्वेक्षण का दूसरा दिन 
५ कलश के साथ पाई गई कमल की आकृति !
२ फुट का मिला त्रिशूल !

ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को स्थगिति देने हेतु सर्वोच्च न्यायालय का नकार !

१५ अगस्त १९४७ को ज्ञानवापी का क्या परिचय था ? – न्यायालय का मुसलमान पक्ष से  प्रश्‍न

(और इनकी सुनिए…) ‘भगवान श्रीकृष्ण  भी रुक्मिणी को भगाकर ले गए थे !’ – भूपेन बोरा, कांग्रेस के असम प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेसियों से इससे भिन्न अपेक्षा भी क्या  हो सकती है ? यदि बोरा ने अन्य धर्मियों के श्रद्धास्रोतों  के विषय में इस प्रकार का वक्तव्य दिया होता, तो अब तक उनका सर धड से जुदा करने के फतवे निकल गए होते !

ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के विरुद्ध मुसलमान पक्ष द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने उच्च न्यायालय में न जाकर सीधे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । उस पर न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायालय में जाने का आदेश दिया था ।

हिन्दुओं के प्रतीकों को आक्रमकों द्वारा दिए नाम बदलना, हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है ! – दुर्गेश परूळकर, लेखक एवं व्याख्याता, ठाणे

औरंगजेब प्रात:स्मरणीय नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज एवं धर्मवीर संभाजी महाराज हमारे लिए प्रात:स्मरणीय हैं । हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए नाम बदलने के पीछे अपनी संस्कृति नष्ट करना ही इन आक्रमकों का षड्यंत्र था ।

स्वातंत्र्य वीर सावरकर सहित ५० महापुरुषों की जीवन गाथा पढाई जाएगी !

उत्तर प्रदेश शिक्षा मंडल ने राज्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया है । अब पाठ्यपुस्तक के माध्यम से स्वातंत्र्य वीर सावरकर समेत ५० महापुरुषों की जीवन गाथा पढाई जाएगी ।

(इनकी सुनिए) ‘वैज्ञानिक शोध पुराणों में ही लिख कर रखे हैं, ऐसा कहनेवालों से बात कैसे करेंगे ?’

जिस क्षेत्र का हमें ज्ञान नहीं है, उसके विषय में अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन तो न करें, यह सरल एवं सीधा सामाजिक नियम भी न जाननेवाले हिन्दूद्वेषी स्वयं का ही उपहास उडा रहे हैं !