(और इनकी सुनिए…) ‘पुरातत्व विभाग का खर्च हिन्दू पक्ष के न देने से ज्ञानवापी का सर्वेक्षण त्वरित रोका जाए  !’ – अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी

  • अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की वाराणसी न्यायालय से मांग !

  • हिन्दू पक्ष द्वारा पूरा खर्च उठाने का न्यायालय द्वारा आदेश देने का कमिटी का दावा

वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – ज्ञानवापी के सर्वेक्षण को एक सप्ताह हो गया है तब भी मुसलमान पक्ष में से एक अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने उसके विरोध में जिला न्यायालय के द्वार खटखटाए । कमिटी ने २१ जुलाई २०२३ को जिला न्यायालय द्वारा दिए आदेश का संदर्भ देते हुए कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण करते समय होनेवाला पूरा खर्च हिन्दू पक्ष को उठाना चाहिए । कमिटी ने आरोप किया है कि विभाग का खर्च हिन्दू पक्ष द्वारा न दिए जाने से सर्वेक्षण त्वरित रोका जाए । इस प्रकरण में १७ अगस्त को हिन्दू पक्ष अपनी भूमिका प्रस्तुत करेगा ।

इस अवसर पर कमिटी ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के काम करने की पद्धति पर भी आक्षेप लिया है । कमिटी का कहना है कि विभाग के सदस्य किसी भी समय सर्वेक्षण आरंभ कर देते हैं । उनके काम को कोई समयमर्यादा नहीं होती । उनकी कार्यप्रणाली पर भी न्यायालय द्वारा आदेश दिया जाए । इसकारण भी सर्वेक्षण रोका जाए ।

ज्ञानवापी के सर्वेक्षण की जानकारी प्रसारमाध्यमों को न दिए जाने का न्यायालय का आदेश !

गत सप्ताह से ज्ञानवापी के परिसर का सर्वेक्षण शुरू है । इसमें भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारी, साथ ही हिन्दू एवं मुसलमान पक्षों के सदस्य भी सम्मिलित हैं । ऐसे में जो भी इस सर्वेक्षण में सम्मिलित हैं, वे प्रसारमाध्यमों को इस संदर्भ में कोई भी जानकारी ने दें, ऐसा आदेश वाराणसी न्यायालय ने ९ अगस्त को दिया । इसके साथ ही ज्ञानवापी के बाहर प्रसारमाध्यमों को वार्तांकन (रिपोर्टिंग) न करने का आदेश भी न्यायालय ने दिया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • येनकेन प्रकारेण ज्ञानवापी का सत्य जग के सामने आने न देने का अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी का दयनीय प्रयत्न !
  • ‘असत्य बोलनेवालों के मन में असुरक्षितता वास करती है’, इस मनोवैज्ञानिक सिद्धांत को ध्यान में रख कमिटी का यह बर्ताव क्या दर्शाता है ?