उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय ज्ञान को दबाने का प्रयास किया

जयपुर (राजस्थान) – कहा जाता है कि न्यूटन ने वर्ष १६८७ में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल की शोध की थी; लेकिन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि इससे भी सैकड़ों वर्ष पहले वेदों में गुरुत्वाकर्षण बल का उल्लेख किया गया था । वह यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे ।
राज्यपाल बागड़े द्वारा प्रस्तुत सूत्र
१. वर्तमान में की गई अनेक खोजें बहुत पहले भारत में की गई थीं । ज्ञान की परंपरा में भारत सदैव विश्व में सर्वश्रेष्ठ रहा है । भारत ने विश्व को दशमलव प्रणाली दी ।
२. भारतीय इतिहास की पुस्तकों में बिजली और हवाई जहाज जैसे कई आविष्कारों का उल्लेख मिलता है । इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है । महर्षि भारद्वाज द्वारा लिखित एक पुस्तक में विमान का उल्लेख है । पचास वर्ष पहले, नासा (अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी) ने इस पुस्तक के लिए अनुरोध करते हुए एक पत्र लिखा था ।
३. भारत पहुंचने के बाद अंग्रेजों ने भारतीय ज्ञान को दबाने का प्रयास किया । इसीलिए भारतीय विद्यार्थियों के ज्ञान में निरंतर वृद्धि करना महत्वपूर्ण है । इस ज्ञान को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोडना भी आवश्यक है ।
४. आपने नालंदा और तक्षशिला के प्राचीन विश्वविद्यालयों के बारे में सुना होगा । ये दोनों विश्वविद्यालय इतने समृद्ध थे कि विश्भवर से छात्र इनमें अध्ययन करने आते थे । उस समय इन विश्वविद्यालयों में शिक्षा की भाषा केवल संस्कृत ही थी, अन्य किसी भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता था । बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया; लेकिन अब नालंदा विश्वविद्यालय का नए सिरे से निर्माण किया जा रहा है । यह फिर से पहले की तरह काम करेगा।
५. भारतीय ज्ञान को नष्ट करने के कई प्रयास हुए; लेकिन इसमें कोई भी सफल नहीं हुआ ।
संपादकीय भूमिकाअब भाजपा के शासनकाल में राज्यपाल को प्रयास करके ऐसे सभी प्राचीन भारतीय ज्ञान को स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित कराना चाहिए ! |