इक्वाडोर में ६.८ रिक्टर स्केल तीव्रता का भूकंप : १३ लोगों की मृत्यु
इक्वाडोर के गुयास में भूकंप सबसे अधिक प्रभावशाली रहा । गुयास इक्वाडोर का तटीय भाग है । बताया जा रहा है कि यहां से ८० किमी दूरी पर स्थित गुआयाकिल नगर में भूकंप का केंद्रबिंदू था ।
इक्वाडोर के गुयास में भूकंप सबसे अधिक प्रभावशाली रहा । गुयास इक्वाडोर का तटीय भाग है । बताया जा रहा है कि यहां से ८० किमी दूरी पर स्थित गुआयाकिल नगर में भूकंप का केंद्रबिंदू था ।
हिन्दूबाहुल्य भारत में हिन्दुओं के मंदिरों की तोडफोड होती है, तो विदेशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के मंदिरों में तोडफोड हुई, तो इसमें क्या आश्चर्य ! इस स्थिति को बदलने के लिए भारत को इजरायल की तरह विश्वास और भय पैदा करने की आवश्यकता है !
अमेरिका में गर्भपात पर प्रतिबंध से स्वैराचार पर अंकुश लगेगा, ऐसा कहा जा रहा था; परंतु अब काला बाजार में गर्भपात की गोलियां मिलने से अमेरिका में स्वैराचार कितना बढ चुका है, यह ध्यान में आता है !
गुआस प्रांत के गवर्नर पाब्लो अरोसेमेना ने बताया कि, यह हिंसा लगभग ८ घंटे चली । इस समय बंदियों ने ‘डायनामाइट’ की सहायता से दीवार तोडने का प्रयास किया, साथ ही आगजनी भी की ।
यहूदी नागरिकों की तरह, पूरे विश्व में अपनी दहशत निर्माण करने के लिए, हिन्दुओं को भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना नितांत आवश्यक है !
कोलंबिया में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति जैसे संगठन होते, तो अंधविश्वास विरोधी कानून बना कर नगराध्यक्ष को कारागृह में बंद करने की मांग की जाती !
ऐसे आक्रमण पाकिस्तानी मूल के नागरिकों पर क्यों हो रहे हैं ?, इसका सभी को ही चिंतन करना आवश्यक !
ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने उनके समर्थकों की सभा में सम्मिलित होते समय मास्क नहीं पहना था और बडी भीड इकट्ठा की थी ।
यहां के कॅमलूप्स इंडियन रेजिडेंशियल विद्यालय के परिसर में २१५ छोटे बच्चों के मृतदेह दफनाए जाने की जानकारी सामने आई है । भूमिगत वस्तुओं का शोध करने वाले रडार द्वारा ये मृतदेह पाए गए । यह विद्यालय कभी कनाडा की सबसे बडी पाठशाला थी । यहां और भी मृतदेह मिल सकते हैं ; क्योंकि विद्यालय का प्रांगण तथा कुछ अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण अभी शेष है । १९वीं शताब्दी से १९७० के दशक तक, डेढ लाख से अधिक बच्चों को सरकारी सहायता प्राप्त ईसाई विद्यालयों में शिक्षा लेनी पडती थी ।
कई देशों ने चीन पर कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप लगाया है; किन्तु चीन ने अब तक इसे अस्वीकार किया है । अब इस संबंध में एक नई जानकारी सामने आई है। नवंबर २०१९ में ’’ वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’’ की प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ता, जिनके बारे में कोरोना संक्रमित होने का दावा किया जाता है, अस्पताल में भर्ती हुए थे। वॉल स्ट्रीट जर्नल में ’’ रॉयटर्स ’’ की एक रिपोर्ट के अनुसार उस समय दुनिया को कोरोना के प्रकोप के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। नवंबर २०१९ के बाद ही दुनिया में कोरोना संक्रमित हुआ था।