परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अव्यक्त संकल्प के कारण गत एक वर्ष में विविध भाषाओं में सनातन के ३० नए ग्रंथ-लघुग्रंथ प्रकाशित और ३५७ ग्रंथ-लघुग्रंथों का पुनर्मुद्रण !

‘हिन्दू राष्ट्र’ धर्म के आधार पर ही स्थापित होगा । धर्मप्रसार के कार्य में ज्ञानशक्ति, इच्छाशक्ति और क्रियाशक्ति में से ज्ञानशक्ति का योगदान सर्वाधिक है । ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने का सर्वाधिक प्रभावी माध्यम हैं ‘ग्रंथ’ ।

साधको, ‘निरंतर नकारात्मक विचार करने से और उस विषय पर अन्यों से बार-बार चर्चा करने से मन पर नकारात्मकता का संस्कार होता है’, यह ध्यान में रखकर योग्य मार्गदर्शन तथा स्वसूचना लें !

स्वयं की समस्या के बारे में विचार करने से तथा उसके बारे में निरंतर अन्यों को बताना, मन को नकारात्मक स्वसूचना देने समान होता है । परिणामस्वरूप मन के नकारात्मक विचारों का पोषण होता है और मन की अस्थिरता बढती है तथा कार्यक्षमता भी घटती है ।

साधना करने के कारण दिव्य कार्य होने से स्वयं के साथ समाज को भी साधना के लिए प्रवृत्त करना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

सनातन संस्था प्रभावशाली पद्धति से अध्यात्मप्रसार का कार्य कर रही है, साथ ही एस.एस.आर.एफ. द्वारा किया जा रहा शोधनिबंध तैयार करने का कार्य देखकर ऐसा लगता है कि समाज निश्चित रूप से धर्माचरण करने के लिए प्रेरित होगा ।

तनावमुक्ति के लिए बाह्य साधना के साथ-साथ आंतरिक साधना करना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

उधम सिंहनगर के रुद्रपुर स्थित उत्तराखंड पुलिस की ४६ वीं बटालियन के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए ‘सुखी जीवन हेतु तनावमुक्ति’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था । इस कार्यशाला को संबोधित करते समय सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी बोल रहे थे ।

तृतीय विश्व युद्ध के दुष्प्रभाव से बचने का एक प्रभावी माध्यम है, नियमित अग्निहोत्र करना – श्री. शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘अग्निहोत्र’ प्रदूषण नष्ट कर वातावरण को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करती है । जो व्यक्ति यह पवित्र अग्निहोत्र विधि करते हैं, उनका तनाव कम होता है, ऊर्जा बढती है, ऐसे कई लाभ होते हैं । अग्निहोत्र की राख पौधों में डालने से भी लाभ होता है ।

श्री विठ्ठल के प्रति भोला भाव रखनेवाले ईश्वरपुर (सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे संतपद पर विराजमान !

सनातन की श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने आनंदित, हंसमुख और अपने भोले भाव से श्री विठ्ठलभक्ति में रमनेवाले ईश्वरपुर (इस्लामपुर, सांगली) के श्री. राजाराम भाऊ नरुटे (आयु ८९ वर्ष) के संत पद पर विराजमान होने की घोषणा की ।

परेच्छा एवं साधना के प्रति लगन होनेवाली ओडिशा की सुश्री (कु.) सुनीता छत्तर ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त !

मनोगत व्यक्त करते हुए सुश्री सुनीता छत्तर ने कहा कि वह बचपन से ही भगवान शिव की उपासना करती थीं । साधना आरंभ करने पर उन्होंने शिवजी से प्रार्थना की, ‘अब मैं आपकी ही हो गई हूं न ! इसलिए आप ही मुझे अपनी पूर्णकालिक सेवा करने के लिए सेवाकेंद्र में लेकर आइए ।’

अमेरिका में महामारी के समय २० लाख महिलाओं ने नौकरी गंवाई

पिछले २ वर्षों में अमेरिका में कोरोना के समय लगाए गए लॉकडाऊन के कारण २० लाख महिलाओं को नौकरी गंवानी पडी, साथ ही पुरुषों की बचत में भी ७ प्रतिशत की कमी आई, ऐसा एक सर्वे में देखने को मिला है ।

पाक में, स्वप्न में ईशनिंदा करने से, ३ शिक्षिकाओं द्वारा सहकारी शिक्षिका कि गला चिरकर हत्त्या !

कहां स्वप्न में भी श्रद्धा स्थानों का अवमान करनेवालों के विरुद्ध विधि हाथ में लेनेवाली मुसलमान महिला, तो कहा स्वयं ही अपने देवताओं का अवमान करनेवाले जन्म से हिन्दू !

मेरा कोई धर्म नहीं है”, ऐसा लिखकर देने वाली, जन्म से मुसलमान नर्तकी को मंदिर में भरतनाट्यम नृत्य करने की अनुमति नहीं !

प्रत्येक मंदिर की एक आचार संहिता होती है । किसे क्या करना है और कहां करना है, इसके संबंध में नियम हैं । उनका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है !