राज्य के कुंडल मणिक्यम् मंदिर में पूजा करने या कोई कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकार का हिन्दू होना अनिवार्य !
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कोच्चि – भरतनाट्यम नृत्यांगना मानसिया वी. पी. को केरल के त्रिशूर जिले के इरिंजलकुडा के कूडल मणिक्यम् मंदिर के एक कार्यक्रम से इस आधार पर बहिष्कृत कर दिया गया था, कि वह हिन्दू नहीं हैं । मानसिया ने भरतनाट्यम में पी.एच.डी. की है ।
मानसिया एक मुसलमान है । जैसे ही उन्होंने भरतनाट्यम सीखा, उन्हें अपने समुदाय में इस्लामी मौलियों के क्रोध और बहिष्कार का सामना करना पडा । एक दैनिक द्वारा कुडल मणिक्यम् देवस्वम (मंदिर) मंडल के अध्यक्ष प्रदीप मेनन ने संपर्क किए जाने पर सूचित करते हुए कहा कि, “वर्तमान मंदिर परंपरा के अनुसार, मंदिर परिसर में केवल हिन्दू ही पूजा कर सकते हैं । मंदिर प्रबंधन द्वारा आयोजित महोत्सव के कार्यक्रमों में करीब ८०० कलाकार विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे । हमारे नियमों के अनुसार, कलाकारों से पूछा जाता है कि, वे हिन्दू हैं या नहीं । मानसिया ने लिखा था कि उनका कोई धर्म नहीं है, इसलिए उन्हें सादरीकरण की अनुमति नहीं दी गई । हमने मंदिर में वर्तमान परंपरा के अनुसार, उसके मना करने की सूचना दी है ।”
विहिंप ने पवकुक्लम् मंदिर में उन्हें आमंत्रित किया !पवकुक्लम् मंदिर में नृत्य सादर करने के लिए, नर्तकी मानसिया को आमंत्रित किया गया है । विहिप ने कहा कि, आयोजन के दिन व समय की घोषणा बाद में की जाएगी । |