‘सर्वधर्म समभाव’ शब्द की व्यर्थता !

‘जिस प्रकार अनपढ व्यक्ति का यह कहना कि ‘सभी भाषाओं के अक्षर समान होते हैं’, उसका अज्ञान दर्शाता है । उसी प्रकार ‘सर्वधर्म समभाव’ कहनेवाले अपना अज्ञान दर्शाते हैं । ‘सभी औषधियां, सभी कानून समान ही हैं’, ऐसा ही कहने के समान है, ‘सर्वधर्म समभाव’ कहना !’

ज्योतिषशास्त्र की सर्वश्रेष्ठता !

‘कहां आगामी कुछ वर्षों में क्या होगा, इसका बुद्धि का उपयोग कर अनुमान लगानेवाले पाश्चात्य; और कहां युगों-युगों के विषय में बतानेवाला ज्योतिषशास्त्र !’

अंतर्ज्ञानी भारतीय ऋषि !

‘पाश्‍चात्त्यों को शोध करने के लिए यंत्रों की आवश्यकता होती है ।ऋषियों और संतों को उनकी आवश्यकता नहीं होती । उन्हें यंत्रों से अनेक गुना अधिक जानकारी प्राप्त होती है ।’

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, स्वेच्छाचार, प्राणियों की विशेषता हो सकती है, मानव की नहीं । ‘धर्मबंधन में रहना, धर्मशास्त्र का अनुकरण करना’, ऐसा करनेवाला ही ‘मानव’ कहला सकता है ।’

केरल सरकार ने मोपला मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं के नरसंहार पर बनी फिल्म को प्रमाणपत्र देने से किया मना

केंद्र सरकार को घोषित करना चाहिए कि हिन्दुओं के नरसंहार को जमीनदारों के विरुद्ध विद्रोह ठहराकर हिन्दुओं के घाव पर नमक छिडकनेवाले इतिहासकारों ने लिखा इतिहास झूठ है ।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन करने पर लगा प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटाया

मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश संबंधी निर्णय धर्माचार्य एवं वहां के पुजारियों को करना अपेक्षित है । गर्भगृह का अलग ही आध्यात्मिक महत्त्व है । वहां की पवित्रता संजोना आवश्यक है । देश के सभी बडे मंदिरों में इसका पालन किया जाता है ।

उदयपुर (राजस्थान) में मुसलमानों द्वारा एक हिन्दू का शिरच्छेद

मुसलमानों को भीड द्वारा मारे जाने पर हिन्दुओं को असहिष्णु कहनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी अब कहां हैं ? ऐसी घटनाओं का होना हिन्दू राष्ट्र के निर्माण को अपरिहार्य बना देता है !

अमरावती के वैद्यकीय व्यावसायिक की निर्मम हत्या के संबंध में ६ कट्टरपंथियों को पकडा

हत्याकांड के कट्टरपंथियों को शरीयत कानून के अंतर्गत हाथ-पैर तोडने की या भरे चौक में बांधकर उनपर पत्थर फेंकने की सजा की कोई मांग करे, तो आश्चर्य न होगा !

समष्टि कार्य की लगन रखनेवाले हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी (आयु ५५ वर्ष) सद्गुरु पद पर विराजमान !

गुरुकृपायोगानुसार साधना कर पू. नीलेश सिंगबाळजी ने सद्गुरु पद प्राप्त किया । इस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी और सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी की पत्नी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने उनका सम्मान किया ।

दंगों के अपराधियों की गिरफ्तारी !

जब हिन्दुओं और हिन्दुत्व के लिए प्रतिकूल समय था, तब अनेक राष्ट्रविरोधी शक्तियों ने उसमें अपने हाथ धो लिए । अब उसका दंड भुगतने का समय आ गया है; क्योंकि आज के समय में हिन्दुओं, हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र के लिए अनुकूल समय बडी तीव्र गति से आ रहा है ।