निरोगी जीवन हेतु आयुर्वेद
हवा (वायु) है; इसीलिए जीवन संभव है । हमने यदि ‘हम केवल ५ मिनट वायु के बिना रहेंगे’, ऐसा कहा, तो क्या वह संभव होगा ?
हवा (वायु) है; इसीलिए जीवन संभव है । हमने यदि ‘हम केवल ५ मिनट वायु के बिना रहेंगे’, ऐसा कहा, तो क्या वह संभव होगा ?
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सनातन धर्म रक्षा सम्मेलन में हिन्दू जनजागृति समिति भी सम्मिलित
अद्वैत यूथ क्लब व सप्तमातृका आश्रम ने नर्मदा तट पर तीन दिवसीय युवा जागरण शिविर का आयोजन किया था । शिविरार्थियों से वैदिक दिनचर्या का पालन करवाकर उन्हें सनातन धर्म-संस्कृति के महत्त्व से अवगत करवाया गया ।
कलियुग में भक्तियोग के अनुसार साधना कर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करना संभव है । इसके लिए ‘गुरुकृपायोग’ भक्तियोगप्रधान है । गुरुकृपायोग के अनुसार साधना करते समय साधक को आवश्यकता के अनुसार अन्य साधनामार्ग भी सिखाए जाते हैं ।
साधना होने के लिए कष्ट करने की तैयारी होनी चाहिए । हम केवल कर्म करते हैं; परंतु वे कर्म साधना के रूप में ही होने चाहिए । साधना के रूप में न करने से हम पीछे रहते हैं ।
मानव एकमात्र प्राणी है, जो केवल स्वयं के लिए जीता है । वह प्रकृति पशु-पक्षी एवं वनस्पति से निरंतर कुछ न कुछ लेता रहता है । मानव के स्वार्थ के कारण ही वह अन्य प्राणियों की तुलना में अधिक दुखी रहता है ।
अभी तक श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में बहुत बडा कार्य किया है तथा इसके आगे भी उनके द्वारा बहुत बडा अद्वितीय एवं दैवीय कार्य होनेवाला है !
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित कर सकते हैं, इस पर विचारमंथन एवं कृति की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा २ एवं ३ दिसंबर को ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया ।