सनातन संस्था है साधक को उसके ध्येय की ओर ले जानेवाली संस्था तथा सनातन के साधक हैं विभिन्न गुणों का संगम !

प.पू. भक्तराज महाराजजी के भक्तों द्वारा रामनाथी के आश्रम में कुछ दिन निवास करने के उपरांत उनके न्यास के अध्यक्ष श्री. शरद बापट द्वारा प.पू. डॉ. आठवलेजी को भेजा गया पत्र !

गुरुकृपायोग में ‘ज्ञानयोग’ भक्तियोग के अंतर्गत आता है !

कलियुग में भक्तियोग के अनुसार साधना कर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करना संभव है । इसके लिए ‘गुरुकृपायोग’ भक्तियोगप्रधान है । गुरुकृपायोग के अनुसार साधना करते समय साधक को आवश्यकता के अनुसार अन्य साधनामार्ग भी सिखाए जाते हैं ।

पूर्णत्व को प्राप्त महान संत प.पू. भक्तराज महाराजजी के सत्संग का मिला सौभाग्य !

प.पू. भक्तराज महाराज (प.पू. बाबा) समान पूर्णत्व को पहुंचे महान संत के सत्संग का सौभाग्य पू. शिवाजी वटकरजी को मिला । इन सत्संगों में पू. वटकरजी को सीखने के लिए मिले सूत्र और हुई अनुभूतियां उन्होंने कृतज्ञभाव से यहां प्रस्तुत की हैं ।

चैतन्य का वर्षाव करनेवाली प.पू. भक्तराज महाराजजी की गाडी के विषय में हुई अनुभूतियां !

‘देवद आश्रम में प.पू. भक्तराज महाराज (प.पू. बाबा) द्वारा उपयोग में लाया ‘रथ’ (गाडी) है । प.पू. बाबा का रथ, देवद आश्रम के साधकों के लिए चैतन्य का वर्षाव ही है । प.पू. बाबा भले ही अब स्थूल से नहीं हैं, तब भी ‘वे रथ के माध्यम से स्थूल से भी हैं’, ऐसी अनुभूति अनेक साधकों को हो रही है ।

इंदौर (मध्य प्रदेश) में प.पू. भक्तराज महाराजजी का गुरुपूर्णिमा उत्सव भावपूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न !

सनातन संस्था के श्रद्धास्रोत एवं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के गुरु प.पू. भक्तराज महाराजजी का गुरुपूर्णिमा उत्सव २ एवं ३ जुलाई को यहां के भक्तवात्सल्य आश्रम के निकट स्थित नवनीत गार्डन में भावपूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया ।

विभिन्न संतों में विद्यमान प्रतीत अलौकिक तेज

बिना स्नान किए भी केवल मुख पर हाथ फेरते ही लाल-गुलाबी एवं तेजस्वी दिखाई देनेवाले प.पू. भक्तराज महाराज !

‘साधना में टिके रहना’ ही साधना की परीक्षा है !

‘साधना में टिके रहना ही साधका की परीक्षा है’, इसे गंभीरतापूर्वक समझकर साधकों को ऐसे विचारों पर विजय प्राप्त करना आवश्यक है । इस संदर्भ में निम्नांकित कुछ दृष्टिकोण उपयोगाी सिद्ध होंगे ।

‘भजन’, ‘भ्रमण’ एवं ‘भंडारा’, इन माध्यमों से दिन-रात कार्य करनेवाले प.पू. भक्तराज महाराजजी के स्थूल एवं सूक्ष्म कार्य की पू. नंदू भैया (हेमंत कसरेकरजी) द्वारा वर्णन की गई विशेषताएं !

सनातन संस्था के श्रद्धाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराजजी (प.पू. बाबा) के बडे सुपुत्र पू. नंदू भैया जून २०१५ में सनातन के रामनाथी आश्रम में पधारे थे ।

प.पू. भक्तराज महाराजजी की धर्मपत्नी वात्सल्यमूर्ति प.पू. जीजी (प.पू. [श्रीमती] सुशीला कसरेकरजी) का देहत्याग

सनातन संस्था के श्रद्धाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराजजी की (प.पू. बाबा की) धर्मपत्नी तथा पू. नंदू कसरेकरजी की माताजी प.पू. जीजी (प.पू. [श्रीमती] सुशीला कसरेकरजी) (आयु ८६ वर्ष) ने १८ सितंबर को दोपहर २ बजे नाशिक में उनके कनिष्ठ पुत्र श्री. रवींद्र कसरेकर के आवास पर देहत्याग किया ।