कोटि-कोटि प्रणाम !
२४ नवंबर २०२४ को सनातन के श्रद्धास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी के महानिर्वाण दिन निमित्त उनके श्री चरणों में भक्तिपूर्ण वंदन
२४ नवंबर २०२४ को सनातन के श्रद्धास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी के महानिर्वाण दिन निमित्त उनके श्री चरणों में भक्तिपूर्ण वंदन
सनातन के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में उनके शिष्य डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा समर्पित भावसुमनांजलि !
प.पू. भक्तराज महाराजजी एवं परात्पर गुरुदेवजी के चित्र बनाते समय श्री. प्रसाद हळदणकर को हुई अनुभूतियां यहां दे रहे हैं
२० जुलाई को श्री भक्तवात्सल्य आश्रम से गुरुपादुकाओं की पालकी निकाली गई । इस पालकी में प.पू. अनंतानंद साईशजी (प.पू. भक्तराज महाराजजी के गुरु), प.पू. भक्तराज महाराजजी एवं प.पू. रामानंद महाराजजी (प.पू. भक्तराज महाराजजी के उत्तराधिकारी) की चरण-पादुकाएं रखी गई थीं ।
अध्यात्मप्रसार के कार्य की व्यापकता बढने के उपरांत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने २३.३.१९९९ को सनातन संस्था की स्थापना की । सनातन संस्था का उद्देश्य है वैज्ञानिक परिभाषा में हिन्दू धर्म के अध्यात्मशास्त्र का प्रसार कर धर्मशिक्षा देना
वर्ष २०१५ से सनातन का मार्गदर्शन करनेवाले विभिन्न महर्षियों की आज्ञा का पालन करने की दृष्टि से साधक गुरुदेवजी का जन्मदिवस मना रहे हैं ।
प.पू. भक्तराज महाराजजी के भक्तों द्वारा रामनाथी के आश्रम में कुछ दिन निवास करने के उपरांत उनके न्यास के अध्यक्ष श्री. शरद बापट द्वारा प.पू. डॉ. आठवलेजी को भेजा गया पत्र !
कलियुग में भक्तियोग के अनुसार साधना कर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करना संभव है । इसके लिए ‘गुरुकृपायोग’ भक्तियोगप्रधान है । गुरुकृपायोग के अनुसार साधना करते समय साधक को आवश्यकता के अनुसार अन्य साधनामार्ग भी सिखाए जाते हैं ।
प.पू. भक्तराज महाराज (प.पू. बाबा) समान पूर्णत्व को पहुंचे महान संत के सत्संग का सौभाग्य पू. शिवाजी वटकरजी को मिला । इन सत्संगों में पू. वटकरजी को सीखने के लिए मिले सूत्र और हुई अनुभूतियां उन्होंने कृतज्ञभाव से यहां प्रस्तुत की हैं ।
‘देवद आश्रम में प.पू. भक्तराज महाराज (प.पू. बाबा) द्वारा उपयोग में लाया ‘रथ’ (गाडी) है । प.पू. बाबा का रथ, देवद आश्रम के साधकों के लिए चैतन्य का वर्षाव ही है । प.पू. बाबा भले ही अब स्थूल से नहीं हैं, तब भी ‘वे रथ के माध्यम से स्थूल से भी हैं’, ऐसी अनुभूति अनेक साधकों को हो रही है ।