हिन्दुओं के पुनरुत्थान हेतु आयोजित ‘वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस’ का संक्षिप्त वृत्तांत !

हिन्दू संगठनों में एकता निर्माण करना और सनातन धर्म का द्वेष करनेवालों का अधिक प्रभावी रूप से सामना करना, इन संकल्पों के साथ यहां आयोजित ३ दिवसीय ‘वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस’ संपन्न हुई । इस परिषद में ६१ देशों के २ सहस्र १०० प्रतिनिधि सहभागी हुए ।

जब तक देह में प्राण हैं, तब तक मठ-मंदिर तथा सनातन धर्म की रक्षा का व्रत लो ! – महंत सुधीरदासजी महाराज, कालाराम मंदिर, नाशिक

मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए श्री विघ्‍नहर्ता गणपति मंदिर, लेण्‍याद्री गणपति मंदिर, श्रीक्षेत्र भीमाशंकर मंदिर, हिन्‍दू जनजागृति समिति तथा महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के सहयोग से यह सम्‍मेलन आयोजित किया गया । इस सम्‍मेलन में ५५० मंदिरों के प्रतिनिधि, न्‍यासी तथा पुजारी सम्मिलित हुए ।

भोलेपन की आड में छिपा राष्ट्रघाती चेहरा !

आतंकवाद का समर्थन करने के माध्यम से ये पर्यावरणवादी विश्व का वातावरण दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं । अन्य समय पर प्रदूषण का विरोध करनेवाले यही लोग वैचारिक एवं राष्ट्रविरोधी प्रदूषण का कारण बन रहे हैं, यह भी उतना ही सत्य है ।

वामपंथियों के वैचारिक आतंकवाद से लडना हमारा कर्तव्य है !

यह आतंकवाद अदृश्य एवं सहस्रों गुना अधिक विषाक्त है । जिसके कारण हम अपनी संस्कृति, अपना इतिहास तथा आनेवाले समय में स्वयं को ही खो देंगे ! अतः इसके विरुद्ध वैचारिक स्तर पर लडना, हम सभी का कर्तव्य है । 

मन में राम और रामराज्य की स्थापना का लक्ष्य लेकर हमें कार्य करना होगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दुओं को आज स्वबोध नहीं, तो शत्रुबोध कैसे होगा ? हिन्दू संगठनों के माध्यम से हिन्दू समाज को यह बोध हो, इसलिए यह हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन है ।

देहली की सुगम गायिका श्रीमती सुमन देवगण ने किया महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के शोधकेंद्र का अवलोकन !

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का समग्र कार्य देखकर उन्होंने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा, ‘गुरुदेवजी (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी) आज के समय के लिए आवश्यक कार्य ही कर रहे हैं, जिसकी आज की पीढी के लिए बहुत आवश्यकता है ।’

श्री दत्त जयंती (दि. २६ दिसंबर २०२३)

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मृग नक्षत्र पर सायंकाल भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ, इसलिए इस दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्मोत्सव सर्व दत्तक्षेत्रों में मनाया जाता है  ।

विद्यालयों-महाविद्यालयों में आयोजित की जानेवाली प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को पुरस्कार के रूप में सनतान के ग्रंथ एवं लघुग्रंथ दें  !

छात्रों को पुरस्कार के रूप में सनातन द्वारा प्रकाशित ग्रंथमाला ‘बालसंस्कार’ के ग्रंथ, साथ ही अन्य ग्रंथ दिए, तो उससे उनके मन पर सुसंस्कारों का महत्त्व अंकित करने में सहायता मिलेगी ।

युवको, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चैतन्यदायी ग्रंथकार्य का ध्वज ऊंचा रखने हेतु ग्रंथ-निर्मिति के कार्य में सम्मिलित हों !

ग्रंथसेवा के अंतर्गत संकलन, भाषांतर, संरचना, मुखपृष्ठ-निर्मिति इत्यादि विभिन्न सेवाओं में सम्मिलित होने के इच्छुक युवक अपनी जानकारी सनातन के जिलासेवकों के माध्यम से भेजें ।

दत्तात्रेय देवता की उपासना का शास्त्र बतानेवाला सनातन का ग्रंथ !

दत्त जयंती का महत्त्व, दत्त द्वारा धारण की गई विविध वस्तुएं, पितृदोष दूर करने हेतु दत्त के नामजप का महत्त्व ये सब जानकर लेने के लिए अवश्य पढे ग्रंथ “भगवान दत्तात्रेय”