शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर सात्त्विक आहार का महत्त्व !

सत्त्वगुण की वृद्धि करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाला सात्त्विक आहार !      ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् ।’, अर्थात साधना करने के लिए शरीर ही खरा महत्त्वपूर्ण माध्यम है; क्योंकि मनुष्यजन्म के अंतिम लक्ष्य ईश्वरप्राप्ति को साध्य करने हेतु मनुष्य को देह की अत्यंत आवश्यकता होती है । शरीर स्वस्थ रहने के लिए आहार अच्छा और … Read more

चाय पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक !

चाय के दुष्परिणाम      चाय स्वाद में कसैली होने से वह कोष्ठबद्धता निर्माण करती है । कुछ लोगों को चाय न पीने से शौच नहीं होती । आदत पड जाने से ऐसा होता है । शौच का वेग निर्माण करना, चाय का काम नहीं । चाय रक्त में आम्ल बढाती है । नियमित चाय … Read more

‘शाकाहार करना’ मनुष्य का धर्मपालन है ! ‘नर से नारायण’ बनाने का कार्य शाकाहार करता है !

     ‘शाकाहार से मनुष्य सत्त्वगुणी बनता है । सत्त्वगुण के संवर्धन से उसकी आध्यात्मिक उन्नति होती है, अर्थात नरजन्म का सार्थक करनेवाले सत्त्वगुणी आहार का सेवन करना धर्मपालन है । धर्मपालन का अर्थ है योग्य आचारसंहिता को स्वीकार कर, उस अनुसार आचरण कर धर्म को, परिणामस्वरूप ईश्वर को अच्छा लगना !      शाकाहार से … Read more

सनातन के देवद आश्रम की सुश्री (कु.) रत्नमाला दळवी (आयु ४५ वर्ष) सनातन के ११८ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

     पनवेल (महाराष्ट्र) – तत्त्वनिष्ठा, आज्ञापालन, स्थिरता, नम्रता, अंतर्मुखता, समर्पणभाव से सेवा करना आदि अनेक गुणरत्नों का खजाना, मूलतः तिवरे (तालुका राजापुर, जिलहा रत्नागिरी) एवं वर्तमान में सनातन के देवद आश्रम में निवास कर रहीं सुश्री (कु.) रत्नमाला दळवी ६ मार्च को सनातन के ११८ वें समष्टि संतपद पर विराजमान हुईं । सनातन के … Read more

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के नृत्य विभाग में सीखनेवाली कु. वेदिका मोदी द्वारा प्रस्तुत भरतनाट्यम् का कु. मधुरा भोसले द्वारा किया गया सूक्ष्म परीक्षण !

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के नृत्य विभाग में सीखनेवाली ५७ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कु. वेदिका मोदी (आयु १४ वर्ष) द्वारा प्रस्तुत भरतनाट्यम् का कु. मधुरा भोसले द्वारा किया गया सूक्ष्म परीक्षण ! नृत्यसाधना के विषय में अद्वितीय शोधकार्य करनेवाला महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय      ‘६.२.२०२२ को महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की नृत्य विभाग में सीखनेवाली जोधपुर … Read more

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा मथुरा में एस.के.एस. आयुर्वेद महाविद्यालय में कार्यक्रम संपन्न !

     मथुरा (उत्तर प्रदेश) – यहां के चोमा एस.के.एस. आयुर्वेद महाविद्यालय में ‘‘आयुर्वेद से पूर्णत: बिमारी नष्ट होती है; परंतु इसमें विद्यमान वेदरूपी आध्यात्मिक प्रकाश हमारे अंतर्मन के जन्म-जन्म के संस्कार नष्ट होने से ही प्रकट होता है । इसलिए साधना करना आवश्यक है’’, ऐसा प्रतिपादन समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी … Read more

महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था द्वारा अध्यात्मप्रसार

     महाशिवरात्रि के दैवी अवसर पर भगवान शिव के संदर्भ में अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी सभी जिज्ञासुओं को हो, इसलिए सनातन संस्था द्वारा विविध उपक्रमों का आयोजन किया गया ।      प्रवचनों के माध्यम से महाशिवरात्रि का व्रत कैसे करें ?, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी का नामजप अधिकाधिक क्यों करें ?, शिवतत्त्व आकर्षित करनेवाली रंगोलियां बनाना, शिवजी … Read more

दिमाडा में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा हिन्दू राष्ट्र-जागृति बैठक !

     दिमाडा (रायसेन) – व्यक्तिगत जीवन में धर्म का आचरण करना, यह हिन्दू राष्ट्र स्थापना का पहला चरण है । आज भले ही षड्यंत्र के रूप में हिजाब पहनने के लिए मुस्लिम युवतियां न्यायालय तक जा सकती हैं, तो हम तिलक लगाने के लिए लज्जित क्यों होते हैं ? तिलक लगाना, जन्मदिन तिथि के … Read more

वाफसा : पेडों को पानी देने की आवश्यक स्थिति !

‘सुभाष पाळेकर प्राकृतिक कषि तंत्र में ‘वाफसा’ एक और प्रमुख स्तंभ है । इस लेख में हम ‘वाफसा क्या होता है ?’, साथ ही वाफसा की स्थिति बनने में पानी का व्यवस्थापन कैसे करें ?, यह समझ लेते हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

भ्रष्टाचार, बलात्कार, राष्ट्रद्रोह, धर्मद्रोह बढने का मूल कारण है, समाज को सात्त्विक बनानेवाली साधना न सिखाना । जिन्हें यह भी नहीं समझ में आता, ऐसे सर्व दल राज्य करने के योग्य हैं क्या ? केवल हिन्दू (ईश्वरीय) राष्ट्र में ही रामराज्य की अनुभूति होगी ।