परात्पर गुरु डॉक्टरजी का साधना के विषय में मार्गदर्शन !
अध्यात्म में साधना का आरंभ अर्थात ‘अ’(A) ऐसा कुछ नहीं होता । प्रत्येक के आध्यात्मिक स्तर एवं साधनामार्ग के अनुसार उसकी साधना आरंभ होती है ।
अध्यात्म में साधना का आरंभ अर्थात ‘अ’(A) ऐसा कुछ नहीं होता । प्रत्येक के आध्यात्मिक स्तर एवं साधनामार्ग के अनुसार उसकी साधना आरंभ होती है ।
हिजाब के नाम पर बहस करनेवाले कुछ लोग निरंतर शरीयत का हवाला देते हैं । शरीयत कानून के अनुसार ‘जिस देश में शरीयत लागू नहीं, उस देश में मुसलमान नहीं रह सकते ।’ ऐसे इस्लाम में महिलाओं की आवाज पर भी बंधन है । शरीयत में कहा गया है कि ‘लडकियों को सार्वजनिक स्थान पर बोलने का भी अधिकार नहीं ।’
पाक एवं अन्य इस्लामी देशों में लडकियां छोटी आयु से ही हिजाब, बुरका आदि पहनती हैं । ‘ऐसा होते हुए भी वहां बलात्कार की मात्रा अधिक क्यों ?’, क्या इस प्रश्न का उत्तर भारत में मुसलमान महिलाओं को हिजाब डालने का समर्थन करनेवाले देंगे ?
खालिस्तानवादियों को इस प्रकरण के कारण हिन्दूद्वेष व्यक्त करने का एक अवसर मिल गया है, यही ध्यान में आता है !
प्रसार माध्यमों के अनुसार, पाकिस्तानी एवं खलिस्तानी आतंकवादी प्रत्येक बार किसी न किसी निमित्त से भारत में अशांति निर्माण करने का प्रयत्न करते हैं । इससे भारतीय सुरक्षा तंत्र बब्बर खालसा, इंटरनेशनल खालिस्तानी कमांडो फोर्स, यूथ फेडरेशन जैसी अनेक आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर कडी निगरानी रखे है ।
प्रा. डॉ. रमाकांत शर्माजी, आयुर्वेद में एम.डी., पीएच.डी. होने के साथ-साथ एम.ए., एम.बी.ए. भी हैं । वे जयपुर के ‘नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद’ के सेवानिवृत्त प्राध्यापक हैं । उनकी आयुर्वेदीय औषधियों का उत्पादन करनेवाली ‘गौरव मैन्युफैक्चरिंग फार्मसी’ है । वे भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के भी सदस्य हैं ।
हिन्दुओ, ध्यान रखो ! कांग्रेस हिन्दुओं एवं उनकी संगठनों को ‘भगवा आतंकवादी’ कहती है; परंतु जिहादी संगठनों को सिर पर बिठाती है !
हिजाब केवल मदरसों तक ही मर्यादित रखना चाहिए । विद्यालय-महाविद्यालयों के नियम तोडे जाना सहन नहीं किया जाएगा, ऐसा विधान भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर ने किया ।
गोवंश की तस्करी करनेवाले कल तक गोरक्षक और पुलिस पर आक्रमण करते थे, अब वे सैनिकों पर भी आक्रमण करने का साहस कर रहे हैं । यह देखते हुए ऐसे लोगों को फांसी का ही दंड देने का कानून बनाना आवश्यक है !
कर्नाटक के विद्यालय-महाविद्यालय आजकल स्वधर्म का वर्चस्व दिखानेवाली प्रयोगशालाएं बन गई हैं । ‘मुसलमान छात्राओं की हिजाब पहनेने की मांग उनका हठ है अथवा जिहाद का एक भाग है ?’, इसकी शंका होती है । इन विद्यालयों से धार्मिक कट्टरतावाद का बीज बोया जा रहा है ।