उत्तर भारत में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सनातन संस्था द्वारा प्रवचन तथा ग्रंथ-प्रदर्शनी का आयोजन
प्रदर्शनी पर आए अनेक जिज्ञासुओं ने सनातन संस्था द्वारा आयोजित सत्संग में जुडने हेतु अपनी रुचि दिखाई ।
प्रदर्शनी पर आए अनेक जिज्ञासुओं ने सनातन संस्था द्वारा आयोजित सत्संग में जुडने हेतु अपनी रुचि दिखाई ।
यदि डी.के. शिवकुमार मस्जिद में गए होेते अथवा मुसलमानों के किसी कट्टरपंथी संगठन के कार्यक्रम को उपस्थित रहते, तो क्या उनके पक्ष के लाेगों ने उन्हें लक्ष्य किया होता ?
प्रयागराज आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के मन में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना थी । मैं इन सभी भक्तों को हृदय से बधाई देता हूं । भगवान महादेव कल्याण के देवता हैं । सारी व्यवस्थाएं उनकी कृपा से होती हैं ।
हिन्दू नेताओं ने कहा है कि अगले दिन कार्यालय जाना कठिन होता है, क्योंकि लोग महाशिवरात्रि पर जागरण करते हैं ।
सनातन संस्था के श्रद्धास्थान प.पू. भक्तराज महाराज (इंदौर) की कृपाछत्र के नीचे प.पू. रामानंद महाराजजी के आशीर्वाद से, पालघर जिला के मोखाडा तालुका के मोरचोंडी में प.पू. भक्तराज महाराजजी के आश्रम में श्री मयूरेश्वर महादेव महाशिवरात्रि महोत्सव २५ फरवरी से मनाया जाएगा ।
एक निर्दयी एवं महापापी व्याध (बहेलिया), एक दिन आखेट (शिकार) करने निकला । मार्ग में उसे शिवमंदिर दिखाई दिया । उस दिन महाशिवरात्रि थी । इस कारण, शिवमंदिर में भक्तजन पूजन, भजन, कीर्तन करते दिखाई दे रहे थे ।
भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंग विख्यात हैं । सहस्रों लोग ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए इकट्ठा होते हैं । ‘ज्योतिर्लिंग’’ शब्द का अर्थ है ‘व्यापक ब्रह्मात्मलिंग’ अर्थात ही ‘व्यापक प्रकाश’ !
रुद्राक्ष नाम के वृक्ष को आनेवाले फल को ‘रुद्राक्ष’ कहते हैं । रुद्राक्ष का अर्थ है शिवशंकरजी का तीसरा नेत्र ! यह शब्द ‘रुद्र + अक्ष’ से बना है । शिवभक्तों की दृष्टि से रुद्राक्ष का बडा महत्त्व है ।
महाशिवरात्रि का उत्सव हर्षाेल्लास के साथ मनाएं । भगवान शिवजी की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करें । शिवलिंग पर दूध चढाएं तथा गोशाला को दान दें । गायों का संवर्धन करें तथा इसपर आपत्ति जतानेवालों का समर्थता के साथ विरोध करें ।