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जयपुर (राजस्थान) – यहां के सोफिया वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ने उसके छात्रों पर होली मनाने पर तथा रंग खेलने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था । विद्यालय ने अपने आदेश में कहा था, ‘सभी छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है । यदि कोई छात्र रंग लेकर आएगा, उसे परीक्षा देने नहीं दी जाएगी ।’ इस प्रकरण में राज्य की भाजपा सरकार के शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा, ‘‘होली हमारी सांस्कृतिक पहचान है । उस पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है । विद्यालय के इस निर्णय के विरुद्ध हम सी.बी.एस्.ई. (‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एज्युकेशन’ अर्थात केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से) शिकायत करेंगे । यह चेतावनी देने के उपरांत विद्यालय ने अपना आदेश वापस लिया है ।
📍 Jaipur (Rajasthan): Sophia School withdraws its ban on Holi celebrations after strong opposition! 🎨🔥
🔹 The Education Minister Madan Dilawar had opposed the ban.
🔹 Now, students will celebrate an eco-friendly Holi! 🌿
❓ Had the Minister not intervened, would this… pic.twitter.com/m6SeaHLTEZ
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 11, 2025
भाजपा विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने कहा था कि सनातन के उत्सवों पर इस प्रकार प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है । विद्यालय व्यवस्थापन को ऐसा कोई अधिकार प्राप्त नहीं है । होली खेलना बच्चों का अधिकार है तथा उन्हें होली मनानी ही चाहिए ।

हिन्दुओं के विरोध के उपरांत विद्यालय का स्पष्टीकरण

हिन्दुओं के विरोध के उपरांत सोफिया विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिंथिया ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि विद्यालय के कर्मचारियों तथा छात्रों के साथ होली मनाई जाएगी । होली खेलने के लिए कभी-कभी रासायनिक रंगों का भी उपयोग किया जाता है; इसलिए अब विद्यालय की ओर से फूलों की होली मनाई जाएघी । (यह पहले ही क्यों नहीं सूझा ? – संपादक)
संपादकीय भूमिकाशिक्षामंत्री ने यदि इसका विरोध किया न होता, तो यह मिशनरी विद्यालय होली खेलने पर लगाए गए प्रतिबंध को बनाए रखता, इसे ध्यान में रखते हुए ऐसे विद्यालयों पर कठोर कार्यवाई करना भी आवश्यक है । इसके साथ ही इसके आगे कोई ऐसा न करें; इसके लिए वैसे नियम ही बनाए जाने चाहिए ! |