विद्यार्थियों के लिए विद्यालय में मोबाइल लाने पर रोक नहीं ! – देहली उच्च न्यायालय

नई देहली – वर्तमान में तकनीकी पढ़ाई, शिक्षा का एक अविभाज्य अंग बन गई है । बच्चे भ्रमणभाषी (मोबाइल) के माध्यम से अपने अभिभावकों से जुड़े रहते हैं । इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित रहती है । इसलिए, विद्यार्थियों को विद्यालय में मोबाइल ले जाने से रोका नहीं जा सकता । फिर भी, इस संबंध में नियम बनाएं और उसके पालन पर ध्यान रखें, ऐसा आदेश देहली उच्च न्यायालय ने दिया । केंद्रीय विद्यालय के एक विद्यार्थी ने विद्यालय में भ्रमणभाषी उपकरण के प्रयोग पर रोक लगाने की मांग से संबंधित याचिका उच्च न्यायालय में डाली थी । इसे न्यायालय ने निरस्त करते हुए कहा कि विद्यालयों में स्मार्टफोन के उपयोग से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर दंड की व्यवस्था होनी चाहिए; परंतु वह बहुत कठोर न हो ।आवश्यक लगने पर विद्यालय दंड के रूप में भ्रमणभाषी को जप्त कर सकता है । ऐसा सुझाव न्यायालय ने दिया ।

बच्चे प्रतिदिन लगभग ७ घंटे भ्रमणभाषी का उपयोग करते हैं !

‘नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज’ नामक संस्था के एक प्रतिवेदन के अनुसार किशोर अवस्था के बच्चे प्रतिदिन ७ घंटे २२ मिनट भ्रमणभाषी उपकरण चलाने में व्यस्त रहते हैं । इतना अधिक समय भ्रमणभाषी चलाने के कारण उनका सामाजिक विकास रुक सकता है । इतना ही नहीं, इस अवस्था में भ्रमणभाषी के अधिक उपयोग से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी बाधित हो सकता है ।