तमिल ब्राह्मण न्यायाधीश के नाम से आयोजित किया
(द्रमुक का अर्थ है द्रविड मुन्नेत्र कळघम् अर्थात द्रविड प्रगति संघ)
चेन्नई (तमिलनाडू) – मद्रास विश्वविद्यालय में ‘भारत में ईसाई धर्म का कैसे प्रचार किया जाए ?’, इस विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है । विशेष बात यह कि १०० वर्ष पूर्व के मद्रास उच्च न्यायालय के तत्कालिन मुख्य न्यायाधीश तथा एक तमिल ब्राह्मण एस्. सुब्रमणिया अय्यर के नाम से इस व्याख्यान का आयोजन किया गया है । १४ मार्च को आयोजित इस कार्यक्रम में के. सिवा कुमार भाषण देनेवाले हैं तथा सामाजिक माध्यमों से बडे स्तर पर इस व्याख्यान का पत्रक प्रसारित हुआ है । सामाजिक माध्यमों से इसके विरोध में हिन्दुओं में क्षोभ की लहर है ।
🚨The Madras University is set to host a lecture titled “How to Spread Christianity in India”—ironically, in the name of a Tamil Brahmin judge! 🤔
🔴 BJP raises strong objections!
🔸 Those who cry “Saffronization” over Bhagavad Gita in schools are silent on this… pic.twitter.com/aZDJ54oKPH
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 8, 2025
१. प्रसारित पत्रक के अनुसार विश्वविद्यालय के ‘प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्त्वशास्त्र विभाग’ ने सर एस्. सुब्रमणिया अय्यर एंडोमेंट लेक्चर’ के अंतर्गत ‘भारत में ईसाई धर्म का प्रचार कैसे किया जाए ?’, साथ ही ‘यह धर्म क्यों आवश्यक है ?’, इन विषयों पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है ।
२. इस व्याख्यान के प्रमुख वक्ता अभियंता के. शिवकुमार, (मुख्य अभियंता, भाग्यनगर) होंगे ।
३. इसमें विशेष बात यह कि इस विश्वविद्यालय में ईसाई अध्ययन के लिए स्वतंत्र विभाग होते हुए भी प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्त्वशास्त्र विभाग की ओर से यह धार्मिक व्याख्यान का आयोजित किया जाना संदेहजनक माना जा रहा है ।

विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित !मद्रास विश्वविद्यालय ने विख्यात गणितगज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, भौतिकशास्त्रज्ञ सी.वी. रमन, हिन्दू आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जैसे अनेक महान व्यक्तित्व तैयार किए हैं; परंतु यह घटना मद्रास विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठान पर गंभीर प्रश्नचिन्ह उपस्थित कर रही है । |
भाजपा की ओर से विरोध !
‘मद्रास विश्वविद्यालय में ‘भारत में ईसाई धर्म का प्रचार कैसे किया जाए ?’, इस विषय पर व्याख्यान ! कट्टरतावाद ? अतिरेकपूर्ण प्रचार ? क्या इस पर किसी को बोलना है ?’, इन शब्दों में भाजपा के राज्य सचिव डॉ. एस्. जी. सूर्या ने ‘एक्स’ पर प्रतिक्रया व्यक्त की है ।
This does not add any merit to Xianity except to certify it will fraudulently convert not only individuals but also intellectual institutions https://t.co/akwjukDggM
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) March 7, 2025
दूसरी ओर वरिष्ठ विचारक एस्. गुरुमूर्ति ने कहा कि इस कार्यक्रम के कारण ईसाई धर्म की प्रतिष्ठा नहीं बढेगी, उसके विपरीत इसके कारण ईसाई धर्म ने केवल व्यक्तियों को ही नहीं, अपितु बौद्धिक संस्थाओं को भी छद्म मार्ग से प्रभावित किया है, यह सिद्ध होता है ।
संपादकीय भूमिका
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