यह दावा कि कुम्भ मेला ‘वक्फ बोर्ड’ की भूमि पर है, रूढिवादी लोगों की आस्था को आघात पहुंचाने का एक प्रयास है ! – हिन्दू जनजागृति समिति

मौलाना बरेलवी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग !

पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए, बाएं से श्री. चेतन राजहंस तथा सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – ‘वक्फ’ की अवधारणा के जन्म से लाखों वर्ष पहले, सतयुग से गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता रहा है । हिन्दू जनजागृति समिति विश्व के सबसे पुराने तीर्थ स्थल कुंभ मेले पर अतिक्रमण के वक्फ बोर्ड के दावे का कड़ा विरोध करती है । हिन्दू जनजागृति समिति ने कड़ा रुख अपनाया है कि प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर अनादि काल से आयोजित होने वाले इस महाकुंभ पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण अशोभनीय है । समिति की ओर से महाकुंभ क्षेत्र अर्थात प्रयागराज में एक पत्रकार परिषद् का आयोजन किया गया । परिषद को समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, साथ ही सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने संबोधित किया ।

सद्गुरु डॉ. पिंगळे ने आगे कहा,

१. कुम्भ मेला एक धार्मिक आयोजन ही नहीं अपितु सनातन संस्कृति का भी प्रतीक है । यह मेला गंगा नदी के तट पर आयोजित किया जाता है, जिसे हिन्दू धर्म में मां के रूप में पूजा जाता है । गंगा की पवित्र भूमि किसी विशेष समुदाय की नहीं हो सकती ।

२. मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने हाल ही में कुम्भ मेला स्थल की ५४ बीघा भूमि पर वक्फ का दावा किया था । यह दावा न केवल निराधार है अपितु कुंभ मेले के पवित्र वातावरण को बिगाडने तथा सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था को आघात पहुंचाने का एक सुनियोजित प्रयास है ।

३. हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जिन पर मस्जिदों ने अधिकार कर लिया है । हम मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी से पूछना चाहते हैं कि क्या वह अतिक्रमित मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की उदारता दिखा सकते हैं ?

४. हिन्दू जनजागृति समिति की अपील है कि भारत सरकार को कुम्भ मेले की पवित्रता बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए । मौलाना के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए तथा उनके निराधार दावे को खारिज किया जाना चाहिए ।’

५. हिन्दू जनजागृति समिति कुम्भ मेले की पवित्रता बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है । हम हिन्दू समुदाय से अपील करते हैं कि वे इस मुद्दे पर एकजुट हों और सरकार पर कार्रवाई के लिए दबाव डालें ।’