गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के हाथों सनातन संस्था के श्री. चंद्रशेखर कद्रेकर ने स्वीकारा सम्मान
कर्णावती (गुजरात) – ‘समन्वय परिवार गुजरात’ की ओर से ‘पूर्व शंकराचार्य श्री भारतमाता मंदिर, हरिद्वार’ के द्वितीय संस्थापक प.पू. ब्रह्मलीन पद्मश्री स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरीजी महाराज की ९३ वीं जयंती निमित्त १९ सितंबर को प.पू. वाल्मीकि संत सम्मेलन आयोजित किया गया था । इस सम्मेलन में उत्तम धर्मप्रसार कार्य के लिए सनातन संस्था का सम्मान भाजपाशासित गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के हस्तों किया गया । मुख्यमंत्रीजी ने सनातन संस्था के गुजरात के साधक श्री. चंद्रशेखर कद्रेकर को शॉल तथा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया ।
इस सम्मेलन में अध्यात्म, धर्म एवं राष्ट्र के आधार पर देशसेवा करनेवाली सेवाभावी संस्थाओं का सम्मान किया गया । इसके साथ ही राष्ट्र-धर्म के संदर्भ में संत और अतिथियों ने मार्गदर्शन किया । सम्मेलन का आरंभ संत एवं मान्यवरों के हस्तों समर्पित भाव से कार्य करनेवाली संस्थाओं का सम्मान कर किया गया ।
इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा, ‘‘साधु-संतों के सनातन विचारों से ही धर्मचेतना जागृत होगी और राष्ट्र निर्माण का कार्य होगा । संतों के आशीर्वाद से धर्मशक्ति निर्माण होकर भारत विकसित देश बनेगा ।’’
प.पू. बालयोगी महाराजजी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘आध्यात्मिक शक्ति के कारण देश की उन्नति होगी और भारत विश्वगुरुपद प्राप्त करेगा; इसलिए हमें धर्म के साथ राष्ट्रसेवा भी करनी चाहिए ।’’ इस अवसर पर बालयोगीजी उमेश नाथजी महाराजजी (पीठाधीश्वर श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम, उज्जैन एवं राज्यसभा सभासद) प.पू. श्री निखिलेश्वरानंदजी महाराज (अध्यक्ष, श्री रामकृष्ण आश्रम, राजकोट), डॉ. जयंतीभाई भादेशिया (रा.स्व.संघ), श्री. आश्विनभाई जानी (गायत्री परिवार), विधायक श्रीमती दर्शनाबेन वाघेला एवं ‘वाल्मीकि समाज गुजरात’ के १६१ संतों की वंदनीय उपस्थिति थी ।