Om Certificate For Hindus : नासिक से ‘ओम प्रतिष्ठान’की ओर से ‘प्रसाद शुद्धि अभियान’ का आरंभ !

  • प्रसाद में की जानेवाली मिलावट तथा धर्मस्थलों पर हो रहे अन्य धर्मी बिक्रताओं का अतिक्रमण रोकने का उद्देश्य !

  • प्रसाद बिक्रेताओं को प्रसाद की शुद्धता का ‘ओम् प्रमाणपत्र’ लेना पडेगा !

  • संत-महंतों तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनाओं ने निकाली द्वारा शुद्ध प्रसाद की संकल्पना !

  • संपूर्ण भारत में चलाया जाएगा यह अभियान

‘ओम्’ प्रमाणपत्र का लोकार्पण करते हुए महंत आचार्य पीठाधीश्वर डॉ. अनिकेत शास्त्री महाराज, श्री. सुनील घनवट, श्री. शरद पोंक्षे एवं श्री. रणजित सावरकर

त्र्यंबकेश्वर (जिला नासिक, महाराष्ट्र) : सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं से जो प्रसाद अर्पित किया जाता है, उस प्रसाद में अनेक बार वर्जित (मिलावटयुक्त पदार्थ) मिलाए जाने की घटनाएं बार-बार सामने आती हैं । उसके कारण हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं । इस दुष्कृत्य के विरोध में व्यापक स्तर पर ‘प्रसादशुद्धि अभियान’ चलाया जानेवाला है । उसके अंतर्गत अब प्रसाद बिक्रेताओं को प्रसाद की शुद्धता का स्तर घोषित कर ‘ओम् प्रमाणपत्र’ लेना पडेगा । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों तथा संत-महंतों ने यह संकल्पना सामने लाई गई है । इससे प्रसाद में की जानेवाली मिलावट तथा अन्य धर्मी बिक्रेताओं का हिन्दू धर्मस्थलों पर बढता हुआ अतिक्रमण रोका जा सकेगा, ऐसी जानकारी मराठी फिल्मजगत के वरिष्ठ अभिनेता शरद पोंक्षे ने पत्रकारवार्ता में दी ।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में १४ जून को दोपहर १२ बजे आयोजित पत्रकारवार्ता में वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज, महाराष्ट्र क्षेत्र के अध्यक्ष महंत आचार्य पीठाधीश्वर डॉ. अनिकेत शास्त्री महाराज, वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री. रणजित सावरकर, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्यों के संगठक श्री. सुनील घनवट के हस्तों श्री त्र्यंबकेश्वर भगवान के चरणों में प्रथम ‘ओम्’ प्रमाणपत्र समर्पित कर लोकार्पण किया गया, सशथ ही ओम् प्रतिष्ठान की ओर से श्री. रणजीत सावरकर ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह अभियान अब संपूर्ण देश में चलाया जाएगा ।

प्रसाद के लिए उपयोग की गई सामग्री की शुद्धता की जांच कर मिलेगा ‘ओम् प्रमाणपत्र !’

प्रसाद की पवित्रता टिकाए रखने हेतु इस अभियान का आरंभ किया गया है । ‘ओम् प्रमाणपत्र’ प्रदान करने से पूर्व ‘प्रसाद के लिए उपयोग की गई सामग्री संपूर्णतः शुद्ध है अथवा नहीं’, यह देखा जाएगा । इस अभियान के भाग के रूप में ‘ओम् प्रतिष्ठान’की ओर से त्र्यंबकेश्वर के प्रसाद विक्रेताओं को ‘ओम् प्रमाणपत्र’ का वितरण किया गया । त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर प्रसाद बिक्रेताओं ने भी इस प्रमाणपत्र के लिए अपना पंजीकरण कर इस ‘प्रसाद शुद्धि’ अभियान में सहभाग लिया ।

हिन्दू धर्म को भ्रष्ट करने हेतु अशुद्ध प्रसाद की बिक्री कर चलाया जा रहा है ‘श्रद्धा जिहाद !’ – रणजित सावरकर, कार्याध्यक्ष, वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

श्री. रणजित सावरकर

(प्रसाद में जानबूझकर गोमांस आदि का उपयोग कर चलाए जानेवाले जिहाद काे ‘श्रद्धा जिहाद’ कहा जाता है ।)

बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं को शुद्ध प्रसाद कहां मिलता है, इसकी जानकारी नहीं होती । अनेक स्थानों पर हिन्दू धर्म को भ्रष्ट करने हेतु अशुद्ध प्रसाद की बिक्री कर ‘श्रद्धा जिहाद’ चलाया जा रहा है । गाय की चरबी से पेढा बनाया जाता है । उसमें ७५ प्रतिशत चरबी, २५ प्रतिशत मावा तथा चीनी मिलाकर पेढा बनाया जाता है । इन पेढों के १०० ग्राम के छोटे पैकेट बनाकर अधिकतर देवस्थान परिसर में ही उनकी बिक्री की जाती है । हिन्दुओं के देवताओं को गोमांस का भोग लगाया जाए, तथा उसके कारण हिन्दुओं के द्वारा पापकर्म घटित हो; इस दृष्टिकोण से जानबूझकर यह किया जा रहा है । यह बात ध्यान में आने पर मैं बहुत अस्वस्थ हुआ । उसके उपरांत मैंने महंतों एवं धर्माचार्याें से इस विषय पर बातचीत की । इसमें अनेक प्रकार होते हैं, जिसमें ‘थूंक जिहाद’ नामक भी एक प्रकार है । उसके अनेक वीडियो प्रसारित हुए हैं । इस प्रकार से प्रसाद भी अशुद्ध न हो; इसके लिए हम यह अभियान चला रहे हैं । इस उपक्रम में जो कोई भी सहभागी है, वह एक हिन्दू के रूप में सहभागी हुआ है । इस अभियान को किसी भी राजनीतिक दल अथवा संगठन का लेबल नहीं चिपका है । इसमें किसी प्रकार की दलीय राजनीति नहीं है ।’’