हिन्दुओं के प्राचीन पवित्र क्षेत्र ‘नैमिषारण्य’ की दुर्दशा !
धर्मशिक्षा के अभाव में लोग उचित कृति करना तथा उसका महत्त्व भी भूल गए हैं । ‘ऐसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना तथा वहां के चैतन्य का कैसे हमें लाभ मिलेगा’, इसके लिए प्रयासरत रहने के लिए समाजमानस में जागृति लाना आवश्यक है !’