श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने अखाडा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरीजी से भेंट की !

सत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने श्री महंत रविन्द्र पुरीजी को सनातन संस्था के २५ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के रजत जयंती का स्मृति चिन्ह भेंट किया ।

तीर्थराज प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु संकल्पपूजन एवं प्रार्थना !

‘विश्वकल्याण हेतु भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो’ इस उद्देश्य को लेकर तीर्थराज प्रयागराज के महाकुंभपर्व में गंगा, यमुना एवं सरस्वती इन नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम पर संकल्पपूजन एवं प्रार्थना की गई ।

कैलाश मानसरोवर यात्रा एवं हरिहर मिलन

कैलाश पर्वत के निकट स्थित ‘चरणस्पर्श’ का तथा ‘मानसरोवर’ का अवलोकन

सनातन के ६४ वें संत पू . (श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे (उम्र 100 वर्ष) इनका देहत्याग !

पू.( श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे मांडवगन, तालुका श्रीगोंडा, जिला अहिल्यानगर की मूल निवासी है और पिछले ९ वर्षों से धवली में निवास कर रही थी। देहत्याग के बाद पू .आजी का चेहरा बहुत तेजस्वी, पीला और शांतिपूर्ण लग रहा था। वातावरण में भी अधिक चैतन्य की अनुभूती आ रही थी।

कोटि कोटि प्रणाम !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की ‘एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी’ श्री चित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का १४ दिसंबर को ५४ वां जन्मदिन ! इस निमित्त उनके चरणों में कृतज्ञतापूर्वक नमस्कार !

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ‘गुरुदेवजी का मनोरथ जानकर’ तथा इस चरण से भी आगे जाकर ‘सप्तर्षि तथा ईश्वर के मनोरथ’ को समझकर दैवी कार्य कर रही हैं !

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) गाडगीळजी ने अनेक वर्षों तक सूक्ष्म परीक्षण करना, सूक्ष्म से ज्ञान प्राप्त करना, सूक्ष्म के प्रयोग करना जैसी सूक्ष्म स्तर की सेवाएं की हैं । वर्तमान में वे सूक्ष्म के उस ज्ञान का हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में उपयोग कर उस कार्य को गति प्रदान कर रही हैं ।

त्याग और चैतन्य की प्रतीक हाथ में कमंडलु लिए दत्त की त्रिमुखी मूर्ति  !

‘भगवान की निर्गुण तरंगों को स्वयं में समा लेनेवाला तथा अनिष्ट शक्तियों को दूर करने के लिए एक ही पल में पूरे त्रिलोक को एक ही मंडल में खींचने की क्षमता से युक्त जल जिस कुंड में है, वह कुंड है भगवान दत्तात्रेय के हाथ में पकडा कमंडलु ।

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण !

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने गुरुकृपायोग के अनुसार साधना कर तीव्र गति से अपनी आध्यात्मिक उन्नति साध्य की । इस लेख में उनकी जन्मकुंडली में विद्यमान आध्यात्मिक विशेषताओं का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण किया गया है ।

श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी तो देवीतत्त्व की अनुभूति देनेवालीं तथा ईश्वर की चैतन्यशक्ति के रूप में पृथ्वी पर अवतरित कमलपुष्प ही हैं !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का जन्मदिवस तो धर्मसंस्थापना हेतु अवतरित ईश्वर की चैतन्यशक्ति का प्रकट दिवस ही है !

चैतन्यमय वाणी तथा प्रीति, इन गुणों के कारण अपरिचित व्यक्ति को साधना बताकर उन्हें अपना बनानेवालीं श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी !

इस प्रसंग से मुझे सीखने के लिए मिला कि ‘गुरु किसी भी जीव का पद, उसकी नौकरी आदि नहीं देखते, अपितु वे केवल उस जीव में विद्यमान चैतन्य की ओर देखते हैं तथा अन्यों को भी प्रत्येक व्यक्ति में स्थित चैतन्य की ओर देखना सिखाते हैं ।’