उज्जैन (मध्य प्रदेश) में ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में संगठित कार्य करने का हिन्दुत्वनिष्ठों का निश्चय !
‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में संगठित कार्य करने का हिन्दुत्वनिष्ठों का निश्चय !
उज्जैन (म.प्र.) – स्वतंत्रता के उपरांत संविधान के आधार पर देश का कामकाज हो रहा है । कुछ भी असंवैधानिक न हो, इसलिए हिन्दू सजग रहते हैं । यदि संविधान सभी को समान अधिकार प्रदान करती है, तो फिर पंथों के आधार पर अलग से सुविधाएं एवं छूट क्यों चाहिए ? यह परिस्थिति ही हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता स्पष्ट करती है । मां भी अपने बच्चे को मांगेबिना दूध नहीं पिलाती । इसलिए यदि हम हिन्दू राष्ट्र की मांग नहीं करते, तो वह हमें कौन देगा ? ऐसा प्रतिपादन स्वस्तिक पीठाधीश्वर परमहंस डॉ. अवधेशपुरीजी महाराज ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यहां की महाराष्ट्र समाज धर्मशाला के सभागृह में ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया था । उस समय परमहंस डॉ. अवधेशपुरीजी महाराज मार्गदर्शन कर रहे थे । इस अधिवेशन के लिए मध्य प्रदेश के अखिल भारतीय शिवसेना गौरक्षा न्यास के श्री. मनीष चौहान, इतिहास संकलन समिति के श्री. अभय मराठे, राष्ट्रीय बजरंग दल के श्री. नंदकिशोर पाटीदा, श्री. राकेश वनवट, प्राध्यापक श्री. योगेश कुल्मी इनके साथ १२ संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ अनेक धर्मनिष्ठ उपस्थित थे तथा इस अधिवेशन के लिए देहली से ‘ऑनलाइन’ प्रणाली द्वारा समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी भी उपस्थित थे । इस अधिवेशन के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के संदेश का वाचन किया गया । संदेश सनातन संस्था के श्री. प्रथमेश वाळके ने पढा । इस कार्यक्रम का सूत्रसंचालन समिति की श्रीमती स्मिता कुलकर्णी एवं श्री. शिवम सोनी ने किया । इस समय गुटचर्चा के माध्यम से ‘हिन्दू राष्ट्र के लिए कौनसा समान कृति कार्यक्रम कर सकते हैं ?’, इस संदर्भ में नियोजन किया गया ।
हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए निरंतर एवं संगठित रूप से प्रयासों की आवश्यकता ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीभारत में सुराज्य निर्माण करने के लिए लोकतंत्र में विद्यमान वर्तमान दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध हमें वैध मार्ग से संघर्ष करना होगा । उसी के साथ वैचारिक स्तर पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का प्रसार होना चाहिए । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए सभी संगठनों का निरंतर एवं संगठित प्रयास अत्यंत आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण हैं । धर्म को प्रमुख मानकर निष्काम रूप से धर्म-कार्य करना, यह काल की आवश्यकता है । |
सर्व संगठनों को एक धागे में पिरोने के हिन्दू जनजागृति समिति के प्रयास अभिनंदनीय हैं ! – परमहंस डॉ. अवधेशपुरीजी महाराज
हिन्दुओं को संगठित करने के लिए एक निष्पक्ष संस्था की आवश्यकता थी । आज हिन्दू जनजागृति समिति निष्पक्ष रूप से सर्व संगठनों को एक धागे में पिरोने का कार्य कर रही है । समिति के ये प्रयास अभिनंदनीय हैं ।
राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए हिन्दू समाज को क्षात्रतेज की उपासना करनी चाहिए ! – अरविंद जैन, प्रांतीय उपाध्यक्ष, हिन्दू शौर्यजागरण मंच, उज्जैन
वर्तमान परिस्थिति देखी जाए तो हिन्दुओं को धर्मरक्षा के लिए तत्पर रहना होगा । आज हिन्दू समाज स्वयं में विद्यमान क्षात्रतेज भूल गया है । तथाकथित अहिंसा का प्रचार कर हिन्दुओं को और भी पंगू बना दिया गया । राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए आज हिन्दू समाज को क्षात्रतेज की उपासना करनी चाहिए ।
‘हिन्दू राष्ट्र’ केवल विचार नहीं, अपितु व्रत है ! – श्री. अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था
बहुत लोग कहते हैं, ‘भारत हिन्दू राष्ट्र ही है’; परंतु यदि घर का मालिकी अधिकार न हो, तो उस घर को हम अपना कैसे कह सकते हैं ? माना कि यह हिन्दू राष्ट्र है, फिर भी संविधान अंतर्गत जब तक यह परिवर्तन नहीं किया जाता, तब तक यह राष्ट्र सनातन धर्म के अनुसार कैसे चलेगा ? इसलिए संविधान में अधिकृत रूप से ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द का समावेश होना आवश्यक है । इसके लिए सभी को संगठित प्रयास करने होंगे ।
अधिवेशन के लिए उपस्थित अन्य मान्यवर
श्री. दत्तप्रसाद कुलकर्णी, व्यवस्थापक पुजारी, श्री क्षेत्र बांगर, देवास; अधिवक्ता लोकेंद्र मेहता, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू भगवा वाहिनी, उज्जैन; श्रीमती राजश्री जोशी, अध्यक्षा, महाराष्ट्र समाज, उज्जैन; श्री. प्रमोद शर्मा, राष्ट्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश प्रभारी, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा; श्री. अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था; श्री. श्रीराम काणे, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति; श्री. आनंद जाखोटिया, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
उज्जैन (मध्य प्रदेश) में संपन्न हुए ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का विस्तृत समाचार पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के जालस्थल की bit.ly/3K6OFsJ इस लिंक पर पढें । |