कोल्हापुर में मोर्चा के द्वारा सहस्रों हिन्दुओं की ललकार
कोल्हापुर – यहां के ‘शिवाजी विद्यापीठ’ का नामविस्तार ‘छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ’हो, इस मांग को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति तथा हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति के संयुक्त आयोजन में १७ मार्च को जिलाधिकारी कार्यालय पर भव्य मोर्चा निकाला गया । इस मोर्चा के द्वारा सहस्रों हिन्दुओं ने एक सूर में ‘छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ’ नामविस्तार होना ही चाहिए’ की जोरदार मांग की । मोर्चा के आरंभ में मान्यवरों के हस्तों छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को माल्यार्पण किया गया । शहर के दसरा चौक से आरंभ इस मोर्चा का लक्ष्मीपुरी एवं विनस कॉर्नर के मार्ग से ‘बी न्यूज’के कार्यालय के पास समापन हुआ । जिलाधिकारी कार्यालय के पास मोर्चा आने पर जिला प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । उसके साथ ही क्रूरकर्मी औरंगजेब की मजार का महिमामंडल रोकने हेतु मजार के रखरखाव के लिए दी जानेवाली आर्थिक सहायता तत्काल बंद की जाए, साथ ही औरंगजेब की मजार हटाई जाए; इन मांगों का ज्ञापन भी जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया गया ।
A sea of 10,000 devout Hindus marched through the streets of Kolhapur, Maharashtra, raising a powerful clarion call to rename Shivaji University as Chhatrapati Shivaji Maharaj University! 🚩🔥@TigerRajaSingh @SG_HJS @AbhayVartak pic.twitter.com/TnVSo2zZWR
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 17, 2025
मोर्चा में विभिन्न आध्यात्मिक संप्रदाय, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, राजनीतिक दल, युवक समूह, विभिन्न सामाजिक संगठन तथा व्यापारी संगठनों ने प्रमुखता से भाग लिया । अनेक दुकानदार २ घंटे के लिए अपनी दुकानें बंद रखकर मोर्चा में सम्मिलित हुए । इस मोर्चा में सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडयेजी की वंदनीय उपस्थिति थी ।
मोर्चा के अंत में तेलंगानो के भाजपा के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. रावसाहेब देसाई, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक, हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति के राष्ट्रीय संगठक श्री. सुनील घनवट, ‘छत्रपति ग्रुप’के संस्थापक श्री. प्रमोददादा पाटिलसहित छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में सहभागी प्रमुख सेनानियों के वंशजों ने मनोगत व्यक्त किया । इसमें प्रमुखता से वीर शिवा काशीद के वंशज श्री. आनंदराव काशीद, सरदार मालुसरे के वंशज श्री. कुणाल मालुसरे तथा सरसेनापति हंबीरराव मोहिते के वंशजों ने भी मनोगत व्यक्त किया ।
🔥 A historic march with unstoppable energy! 🇮🇳
🚩 Thousands united in #Kolhapur, #Maharashtra, demanding the renaming of Shivaji University to Chhatrapati Shivaji Maharaj University!
💬 MLA from Telangana, Shri. T. Raja Singh (@TigerRajaSingh), delivered an electrifying speech… pic.twitter.com/4aL1wfItPU
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) March 17, 2025
मान्यवरों के मनोगत !
१. हिन्दू की संगठित शक्ति नामविस्तार का विरोध करनेवाले आधुनिकतावादियों को उत्तर देगी ! – टी. राजासिंह, विधायक, तेलंगाना

आज हम यहां केवल नामविस्तार के मोर्चा के लिए एकत्रित नहीं हुए हैं, अपितु हिन्दुओं की अस्मिता, गौरव तथा हिन्दवी स्वराज्य का संकल्प लेने के लिए एकत्रित हुए हैं । छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ केवल विद्यापीठ नहीं है, अपितु वह हमारा स्वाभिमान है । इतने वर्षाें से छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘छत्रपति’ उपाधि न मिले, इसके लिए प्रयास कर रहे आधुनिकतावादियों तथा सेक्यूलरवादियों को चुनौती देने के लिए ही मैं यहां आया हूं तथा संगठित हिन्दुओं की शक्ति यहां पैर जमाकर खडी है । कोल्हापुर जिले के विशालगढ पर आज भी अनेक अतिक्रमण शेष हैं, तथा सरकार को उन्हें तत्काल हटाना चाहिए, अन्यथा छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिकों को अतिक्रमण हटाने का अभियान हाथ में लेना पडेगा ।
एक ओर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के रखरखाव के लिए प्रशासन के पास पैसा नहीं है, तो दूसरी ओर वही पुरातत्व विभाग छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की मजार पर लाखों रुपए खर्च कर रहा है । हम यह सहन नहीं करेंगे । अतः औरंजेब की मजार के रखरखाव की जानेवाली आर्थिक सहायता सरकार तत्काल बंद करे, साथ ही इस मजार को भी हटाया जाए ।
🚩 The Historic March – 10,000 Hindus in a powerful protest today at #Kolhapur, #Maharashtra! ✊🏻
✅ Rename Shivaji University to Chhatrapati Shivaji Maharaj University!
✅ Stop govt funding for Aurangzeb’s tomb & remove it! 🚫
📸 Experience the intensity, feel the unity,… pic.twitter.com/7npYQN3gwF
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) March 17, 2025
कॉ. पानसरे द्वारा लिखित ‘शिवाजी कोण होता ?’ (शिवाजी कौन था ?) पुस्तक पर प्रतिबंध लगाएं ! – हिन्दू राष्ट्र समन्वय समितिइस अवसर पर हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति के श्री. सुनील घनवट ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का उल्लेख आदरपूर्वक करने के स्थान पर ‘शिवाजी कोण होता ? (शिवाजी कौन था ?)’पुस्तक लिखनेवाले कॉ. पानसरे कौन हैं ? शिवाजी महाराज का अनादरपूर्वक उल्लेख करना हिन्दुओं के गौरव पर किया गया आघात है, अतः सरकार को इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना ही अपेक्षित है । २६/११ का आक्रमण आतंकी कसाब ने किया था, यह बात जहां सर्वोच्च न्यायालय ने भी स्वीकार किया है; परंतु तब भी भारतीय गुप्तचर विभाग पर संदेह किया गया । इस माध्यम से ‘हू किल्ड करकरे ?’ पुस्तक जिसने लिखा है, उनका समर्थन करनेवाले आधुनिकतावादियों की सच्चा चेहरा अब उजागर हो रहा है । |
२. विधानसभा के अर्थसंकल्पीय सत्र तक शिवाजी विद्यापीठ का नामविस्तार नहीं किया गया, तो हम पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन चलाएंगे ! – सुनील घनवट, हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति

शिवजयंती के दिन ही छत्रपति शिवाजी महाराज को यह उपाधि देने की मांग करनी पडना दुर्भाग्यजनक है । यह विरोध केवल ‘छत्रपति’ इस शब्द का नहीं है, अपितु यह विरोध ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ का ही है । इन लोगों को नेहरू को दी गई ‘पंडीत’ उपाधि चलती है, गांधीजी को दी गई ‘महात्मा’ उपाधि चलती है, तो शिवाजी महाराज को ‘छत्रपति’ उपाधि देना क्यों नहीं चलता ? क्या आधुनिकतावादियों को छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘छत्रपति’ बोलने में लज्जा प्रतीत होती है ? फरवरी २०११ में जारी किए गए महाराष्ट्र सरकार के आदेश में कहा गया है कि ‘राष्ट्रपुरुष एवं क्रांतिकारियों का अनादर नहीं होना चाहिए !’ यह आधुनिकतावादी स्वयं को शिवप्रेमी मानते हैं; परंतु ये तो ‘तथाकथित शिवप्रेमी’ हैं । उनका शिवप्रेम ‘सिलेक्टेड’ (अपनी सुविधा के अनुसार) है; क्योंकि ये लोग औरंगजेब की मजार का महिमामंडन करनेवाले, साथ ही औरंगजेब का स्टेटस रखनेवालों (स्टेटस का अर्थ है अन्य लोग देख सकें, इस प्रकार सामाजिक माध्यमों पर स्वयं के खाते पर प्रसारित चित्र अथवा लेखन) के विषय में एक शब्द भी नहीं बोलते ।
किसी भी स्थिति में शिवाजी विद्यापीठ को ‘जे.एन्.यू.’ बनने नहीं देंगे !
महाराष्ट्र में अन्य विद्यापिठों को ‘सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ‘, ‘पुण्यश्लोक आहिल्याबाई होळकर विद्यापीठ’, ‘राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज कृषि महाविद्यालय’ जैसे संपूर्ण नाम देना, इन लोगों को चलता है; परंतु ‘शिवाजी विद्यापीठ का नाम बदलकर उसे छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ करें’, यह मांग करने पर उसका विरोध किया जाता है । वर्तमान समय में जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी में (‘जे.एन्.यू.’में) ‘भारत तेरे तुकडे होंगे’के नारे लगाए जाते हैं । स्वामी विवेकानंद के मूर्ति का अनादर किया गया तथा दंतेवाडा में नक्सलियों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या करने पर विद्यापीठ में मिठाई बांटी गईं । इसकी पुनरावृत्ति हमें कोल्हापुर में नहीं होने देनी है । किसी भी स्थिति में हम शिवाजी विद्यापीठ को ‘जे.एन्.यू.’ बनने नहीं देंगे । कोल्हापुर यह कभी सहन नहीं करेगा । विधानसभा का वर्तमान अर्थसंकल्पीय अधिवेशन समाप्त होने तक शिवाजी विद्यापीठ का नामविस्तार ‘छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ’ किया जाए, अन्यथा हम पूरे राज्य में आंदोलन चलाकर यह लडाई जारी रखेंगे ।

३. जब तक छात्रों तक छत्रपति शिवाजी महाराज का सच्चा इतिहास नहीं पहुंचता, तब तक यह लडाई जारी ही रहेगी ! – अभय वर्तक, सनातन संस्था

जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज का उल्लेख सदैव ही अनादरपूर्ण करते हैं, उस विचारधारावाले लोगों को ही विद्यापीठ का नामविस्तार सहन नहीं होता । प्रमुखता से आधुनिकतावादी, साम्यवादी तथा हिन्दूविरोधक्ष ही इस नामविस्तार का विरोध कर रहे हैं तथा उनके द्वारा ‘शब्द के लघुरूप’की झूठी कथाएं रची जा रही हैं । अतः छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘सेक्यूलर’ बनाने का षड्यंत्र हम कदापि सहन नहीं होने देंगे । छत्रपति के राज को जहां ‘हिन्दवी स्वराज’ के नाम से जाना जाता है, उन छत्रपति शिवाजी महाराज की विद्यापीठ के सामने लगी मूर्ति के सामने भगवा ध्वज न होना कितने दुर्भाग्य की बात है । अतः हमारी आगे की लडाई केवल नामविस्तार तक सीमित नहीं है, अपितु जब तक छात्रों तक छत्रपति शिवाजी महाराज का सच्चा इतिहास नहीं पहुंचता, तब तक यह लडाई जारी ही रहेगी !
सहभागी संगठन एवं संप्रदाय
‘श्री’ संप्रदाय, वारकरी संप्रदाय, स्वामी समर्थ संप्रदाय, इस्कॉन, मंदिर सेवक, गजानन महाराज भक्त मंडल, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, हिन्दू एकता आंदोलन, हिन्दू महासभा, ‘छत्रपति ग्रुप’, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, ‘महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स’, ‘अखिल भारतीय रेशनिंग महासंघ’, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, शिवसेना, भाजपा, उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गुट, विभिन्न युवक समूह तथा व्यायामशालाएं

विशेष !
१. अत्यंत अनुशासित तथा योजनाबद्ध संपन्न मोर्चा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया । इस मोर्चा में सातारा, सांगली, बेलगांवसहित कोल्हापुर जिले के प्रत्येक तहसील से समूहों में भगवा ध्वज लेकर उत्स्फूर्त ‘जयघोष’ करते हुए सहभागी हुए ।
२. मोर्चा में छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में सम्मिलित सरदार-सैनिकों के वंशज उपस्थित थे ।

३. इस मोर्चा में अनेक दल सहभागी थे । उनमें ढोल-ताशा दल, साहसिक खेलों का दल, शिवकालीन युद्धदल, विभिन्न संप्रदायों के भक्त, सैनिकों की वेशभूषासहित पारंपरिक वेशभूषा किए हुए दल तथा महिलाओं का रणरागिनी दल सहभागी थे ।
फलकों पर लिखी विशेषतापूर्ण जानकारी – ‘शिवाजी विद्यापीठ’ नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज विद्यापीठ बोलकर हिन्दवी स्वाभिमान संजोए !