‘लव जिहाद’ का वैश्विक षड्यंत्र रोकें !
लव जिहाद को रोकने के लिए हिन्दू लडकियों को हिन्दुओं का गौरवशाली इतिहास तथा महारानी पद्मावती द्वारा दिए गए बलिदान के विषय में बताना आवश्यक !
लव जिहाद को रोकने के लिए हिन्दू लडकियों को हिन्दुओं का गौरवशाली इतिहास तथा महारानी पद्मावती द्वारा दिए गए बलिदान के विषय में बताना आवश्यक !
राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून होने पर भी इस प्रकार हिन्दुओं का सरेआम हो रहा धर्मांतरण अर्थात ईसाई मिशनरियों को कानून का डर नहीं रहा, यही स्पष्ट करता है । यह स्थिति उत्तरप्रदेश प्रशासन के लिए लज्जास्पद !
हिन्दुओं का धर्मांतरण रोकने के लिए उन्हें धर्म शिक्षा देना, यही प्रभावी उपाय है, यह जान लीजिए !
गोमंतक की पावन भूमि पर १६ से २२ जून २०२३ की अवधि में अत्यंत उत्साह में एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’, अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ संपन्न हुआ । इस महोत्सव में देश-विदेश के मान्यवरों ने विविध विषयों पर विचार-मंथन किए ।
कर्करोग से पीडितों को ठीक करने का आवाहन प्रसारमाध्यमों के सामने दिया । तब उन पादरियों ने मना कर दिया । इस प्रकार हिन्दुओं के धर्मांतर का प्रयत्न करनेवाले वहां के ईसाइयों का षड्यंत्र हमने उजागर कर रहे हैं । – श्री. कुरु ताई
हिन्दुओं के संतों पर झूठे आरोप लगाकर उनकी मानहानि करनेवाले प्रसारमाध्यम ऐसे प्रकरणों में मौन रहते हैं । मस्जिद और मदरसों में ऐसे अपराध बार बार हो रहे हैं । इसलिए ऐसे मदरसों पर अब ताले लगाने की आवश्यकता है !
हिन्दुओं के लिए भले ही स्वर्णिम काल लगता हो, तब भी हमारे शत्रु की तैयारी हमसे अनेक गुना अधिक है, इसे हमें ध्यान में लेना होगा । आज सभी बाजुओं से हिन्दुओं पर आघात हो रहे हैं ।
इस्लाम की संकल्पना पर आधारित चित्रपट का विज्ञापन करने वाले वीडियो को (‘ट्रेलर को’) अनुमति न देने वाला केंद्रीय चित्रपट परिनिरीक्षण बोर्ड हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को दुखाने वाले ‘आदिपुरुष’ चित्रपट को आसानी से अनुमति देता है, यह ध्यान मे लें !
इटली जैसा देश यदि ऐसा कानून बनाने का प्रयास कर सकता है, तो भारत की १०० करोड से अधिक जनता को सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने के कारण जो कष्ट होता है, वहां ऐसा कानून क्यों नहीं बनाया जा सकता ?
यह घटना ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म में दिखाए समान है । तब भी ऐसा आरोप करनेवाले कि फिल्म में मुसलमानों का गलत ढंग से चित्रित किया है, उनका अब इस घटना पर क्या कहना हैै ?