उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर बना ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण की कार्यवाहियों का अड्डा !

 पिछले कुछ वर्षों में सैकडों हिन्दू परिवारों का किया गया है धर्मांतरण !

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

कानपुर (उत्तर प्रदेश) – शहर में प्रत्येक माह धर्मांतरण का एक तो प्रकरण सामने आ रहा है । शहर धर्मांतरण का अड्डा बन गया है । ईसाई मिशनरी यहां की झोपडियों में जाकर वहां के हिन्दुओं को दवाएं, पैसा, विवाह, नौकरी, व्यवसाय आदि का लालच दिखाकर उनका धर्मांतरण कर रही हैं । ऐसे प्रकरण उजागर होने पर पुलिस ने संबंधित मिशनरियों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया है । इस प्रकरण में कुछ मिशनरियों को बंदी बनाया गया है ; परंतु इन सभी के पीछे मुख्य सूत्रधार तक पहुंचना कठिन हो रहा है । मिशनरियों को विदेश से पैसा आने के साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं । शहर के घाटमपुर, चकेरी, रावतपुर, कर्नलगंज और मुन्नीपुरवा से धर्मांतरण की घटना सामने आई है ।

१. मुन्नीपुरवा : हाल ही में सामने आई पुराने कानपुर के नवाबगंज स्थित मुन्नीपुरवा क्षेत्र में धर्मांतरण के प्रकरण में सैकडों हिन्दू परिवारों को लालच दिखाकर धर्मांतरित किया गया । इस संबंध में प्रार्थना सभा में सहभागी होने का दबाव बनाए जाने पर धर्मांतरित परिवार ने मिशनरियों का विरोध करते हुए विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और पुलिस को सूचना दी । छोटू नामक हिन्दू की पत्नी बबलीदेवी ने साहस दिखाकर पुलिस में शिकायत भी की । इसके उपरांत पुलिस ने ११ अगस्त के दिन कार्यवाही करते हुए मैकलोन सिंह और मोरिस सिंह के विरोध में धर्मांतरविरोधी कानून की धारा के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया । पीडित परिवार ने बताया कि, धर्मांतरण करने वालों को १० से ३० सहस्र रुपए दिए जा रहे हैं । रोगियों पर औषध उपचार किया जा रहा है, साथ ही अविवाहित का विवाह किया जा रहा है । इस कारण असहाय हिन्दू परिवार धर्मांतरण करते है ।
पुलिस उपायुक्त अकमल खान ने बताया कि, पिछले ४-५ वर्षों में २०० हिन्दू परिवारों को ईसाई बनाया गया है । इतना ही नहीं, विष्णुपुरी में ‘समृद्ध चर्च’ का निर्माण किया गया है , जहां प्रार्थना सभाओं का आयोजन कर लोगों को दवा, पैसा, विवाह, नौकरी, व्यवसाय आदि का लालच दिखाकर उनका धर्मांतरण किया गया ।

२. घाटमपुर : पिछले कुछ वर्षों में १५ से अधिक चर्चों का निर्माण किया गया है । इस क्षेत्र में सैकडों हिन्दू परिवारों का धर्मांतरण किया गया है । आरोपी ईसाइयों को बंदी बनाने के बाद जमानत मिलने पर वे पुनः धर्मांतरण का काम करने लगते हैं ।

३. श्यामनगर : शहर के श्यामनगर क्षेत्र में अभिजीत और रजत जिप्सम इन मिशनरियों को बंदी बनाया है । इसका सूत्रधार रजत जिप्सम दक्षिण कोरिया का नागरिक है ।

३. रावतपुर : शहर के रावतपुर क्षेत्र की थारू बस्ती में रहने वाले ‘नीरज’ नामक युवक द्वारा मद्यपान करने के कारण उसके मूत्र पिंड और यकृत बेकार हो गए थे । इसके उपरांत इस क्षेत्र में पंजाब से आने की बात बताकर एक ईसाई मिशनरी ने बीमार लोगों की जानकारी इकट्ठा की । उन सभी की बीमारी ठीक करने का लालच देकर वहां प्रार्थना सभा आयोजित होने लगी । सभा के लिए सैकडों हिन्दू उपस्थित होने लगे । पुलिस को इस प्रकरण की जानकारी मिलते ही सभी मिशनरी वहां से भाग गए ।

५. कर्नलगंज : कर्नलगंज क्षेत्र के चुन्नीगंज के ‘एपी फनी विद्यालय’ के परिसर में एक माह से प्रार्थना सभा आयोजित की जा रही थी । जिसमें सैकडों हिन्दू उपस्थित रहते थे । उन्हें विविध लालच देकर धर्मांतरण करने का प्रयास चालू था । बजरंग दल और अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने इसके विरोध में आवाज उठाई । पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए अपराध प्रविष्ट किया और पादरी अमित लॉयल सहित एक अन्य मिशनरी को बंदी बनाया ।

संपादकीय भूमिका 

  • राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून होने पर भी इस प्रकार हिन्दुओं का सरेआम हो रहा धर्मांतरण अर्थात ईसाई मिशनरियों को कानून का डर नहीं रहा, यही स्पष्ट करता है । यह स्थिति उत्तरप्रदेश प्रशासन के लिए लज्जास्पद !
  • कानपुर जैसे समृद्ध शहर में ईसाई मिशनरियों की बढती कार्यवाहियां चालू है, तो ग्रामीण भारत में उनका कार्य कौन से स्तर तक पहुंचा होगा, इसका विचार न करना ही ठीक ! इस पर हिन्दू राष्ट्र ही एकमात्र पर्याय है, यह जान लीजिए !
  • कानपुर उत्तर प्रदेश के समृद्ध शहरों में से महत्वपूर्ण शहर है । यहां बडे-बडे कारखाने और विश्व प्रसिद्ध ‘आई.आई.टी. कानपुर’ होने पर भी ईसाई मिशनरियां हिन्दुओं का कमजोरियों का गलत लाभ उठा रही हैं । इससे ध्यान में आता है कि समृद्धि और शिक्षा का जनता की सुरक्षा से तनिक भी संबंध न होने से विकास के साथ-साथ हिन्दुओं की रक्षा होना अत्यंत आवश्यक है !