Rajnath Singh Slams INC On CONSTITUTION : कांग्रेस के शासनकाल में ६२ बार संविधान परिवर्तित किया गया ! – राजनाथ सिंह

६२ बार देश का संविधान बदलने वाली कांग्रेस के मुख से ‘संविधान बचाओ’ की बात हास्यास्पद लगे, तो अनुचित नहीं होगा । कांग्रेस सरकारों ने अधिकतर संविधान संशोधन एक तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए अथवा अनुचित नीतियां लागू करने के लिए किए थे ।

Hema Malini : प्रश्न विदेशी संबंधों का नहीं, बल्कि भारत के कृष्ण भक्तों की भावनाओं का है !

ध्यान दें कि लोकसभा में सर्वाधिक हिन्दू सांसद होने के उपरांत, केवल हेमा मालिनी ही व्यथा सूत्र सब के समक्ष रख रहीं हैं !

Anurag Thakur Slams Congress : राहुल गांधी बांग्लादेश के हिन्दुओं के लिए क्यों नहीं बोलते ?

विरोधी पार्टी के नेता ने (राहुल गांधी ने) पोस्ट कर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुखों का अभिनंदन किया, लेकिन उसमें हिन्दुओं की सुरक्षा के विषय में कोई भी चर्चा अथवा उल्लेख नहीं था । वे गाजा के विषय में तेज आवाज में बोलते हैं; लेकिन हिन्दुओं के विषय में कुछ नहीं बोलते’

Nishikant Dubey ‘Namo Bhavan’ : मुसलमानों द्वारा सताए गए हिंदुओं के लिए ‘नमो भवन’ का निर्माण करेंगे !

ऐसी स्थिति बनाई जानी चाहिए कि कोई भी हिन्दूओं पर अत्याचार करने का साहस न करे, जिसमें मुसलमानों से पीड़ित हिन्दूओं के लिए एक भवन बनाना भी सम्मिलित है। हिन्दू राष्ट्र ही इसके लिए एकमात्र विकल्प है !

Rahul Gandhi On Hindus : (और इनकी सुनिए …) ‘जो लोग स्वयं को हिन्दू कहते हैं, वही २४ घंटे हिंसा करते हैं !’ – राहुल गांधी

यदि हिन्दू हिंसक होते तो इस देश में एक भी अल्पसंख्यक नहीं बचता! इसके विपरीत देश के ९ राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं। उन्हें कट्टर मुसलमानों ने कश्मीर से निर्वासित कर दिया है। ये बात कांग्रेसी कभी नहीं बताते और हिन्दू उनको वोट देकर अपना आत्मघात कर ले रहे हैं !

Asaduddin Owaisi Oath : असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में शपथ लेने के बाद ‘जय फ़िलिस्तीन’ तथा ‘अल्लाहु अकबर’ का किया उद्घोष!

कट्टरपंथियों की यह मानसिकता भारत के विभाजन से पहले भी थी और अब भी है; किंतु गांधीवादी हिन्दू अभी तक नहीं जागे, यह उनके विनाश का संकेत है!

Parliament Monsoon Session : दुबारा आपातकाल सदस्य स्थिति कोई थोप न सके, ऐसा संकल्प करें ! – प्रधानमंत्री मोदी

भारत के लोकतंत्र पर २५ जून को काला दाग लग गया था, उसे ५० वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । भारत की नई पीढी यह बात कभी भी नहीं भूल सकती, कि भारत का संविधान तब पूर्णतः अस्वीकार किया गया था ।

NOTA vote in loksabha Election 2024 : वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव में ६७ लाख ८८ सहस्र ४९२ मतदाताओं ने चुना नोटा का विकल्प !

भारत में ६७ लाख से अधिक मतदाताओं द्वारा ‘नोटा’ का विकल्प चुनना, इसका अर्थ ऐसा ही है कि उम्मीदवार अपात्र है, ऐसा इतनी बडी मात्रा में मतदाताओं को लगा। राजनीतिक दल क्या इसपर गंभीरता से विचार करेंगे ?

लोकसभा के ४६ प्रतिशत सांसदों के विरुद्ध फौजदारी अपराधों की प्रविष्टियां !

क्या ऐसे सांसद कभी जनता को सुरक्षित एवं न्याय का प्रशासन दे सकेंगे ? क्या यह लोकतंत्र का दयनीय पराभव नहीं है ?

Women Candidates Loksabha : पिछले चुनावों की तुलना में इस चुनाव में महिला सांसदों की संख्या ४ से अल्प हुई !

मतदाता संघों की पुनर्रचना होने के पश्चात महिलाओं के लिए ३३ प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएगी । यह ध्यान में रखते हुए इस बार की महिला सदस्य संख्या निश्चित ही अत्यल्प है ।