(और इनकी सुनिए…) ‘सनातन धर्म अर्थात जातियों में बंटवारा करने का नियम !’ – कार्ती चिदंबरम

कार्ती चिदंबरम अर्थात हिन्दूधर्म पर कीचड फेंकने वाले अवसरवादी ! ‘ऐसा वैचारिक धर्मांतरण होने से ही हिन्दूधर्म को सच्चा खतरा है’, ऐसा किसी को लगे तो उसमें क्या गलत ?

(और इनकी सुनिए…) ‘पंडितों के स्त्रियों को भ्रष्ट करने से औरंगजेब द्वारा ज्ञानव्यापी मंदिर की तोडफोड !’ – भालचंद्र नेमाडे

‘शिवाजी का मुख्य सेनापति मुसलमान था । उन्हें अपने लोगों पर (हिन्दुओं पर) विश्वास नहीं था । उस समय हिन्दू मुसलमान भेद ही नहीं था ।’ ऐसा छत्रपति शिवाजी महाराजजी का एकेरी उल्लेख करते हुए विषवमन !

(और इनकी सुनिए…) ‘माता सीता इतनी सुंदर थीं कि राम एवं रावण दोनों उनके पीछे पागल थे !’ – कांग्रेस के नेता राजेंद्र सिंह गुढा

क्या राजेंद्र सिंह गुढा कभी मुहम्मद पैगंबर अथवा ईसा मसीह के विरुद्ध ऐसा वक्तव्य देने का साहस कर सकते हैं ?

कर्नाटक इस वर्ष ‘महिष दशहरा’ (महिषासुर का जन्मदिन) मनाएगा !

यदि कोई कहता है, कि हिन्दू धर्म के विरुद्ध कृति करने वाले तथा राक्षसों का महिमामंडन कर उन्हें आदर्श दर्शाने वाले उसी मानसिकता के हैं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए !

इंदौर (मध्य प्रदेश) में माथे पर तिलक लगा कर आए विद्यार्थियों को शिक्षिका द्वारा मारा गया

विद्यालय में छात्राएं बुर्का पहन कर आती, तो उन्हें मारने का साहस शिक्षिका ने दिखाया होता क्या ? मारा होता तो उसका सिर धड से अलग करने की धमकी मिली होती !

(…इनकी सुनिए पूछ रहे हैं) ‘क्या महानगरपालिका की अनुमति ली है ?’ – बेंगळुरू पुलिस

बेंगळुरू में  पुरातन नागकट्टा के पडोस में स्थापित नागदेवता की पूजा करने में पुलिस से बाधा उत्पन्न  !

(…. और इनकी सुनिए) ‘समान नागरी कानून प्रथम हिन्दू धर्म पर लागू करें !’ – द्रमुक के नेता टी.के.एस्. एलंगोवन

स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवानेवाले द्रमुकवालों से इससे भिन्न और क्या अपेक्षा की जा सकती है ?

रथयात्रा पर बंगाल पुलिस द्वारा प्रतिबंध लगाना, यह धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप ! – कोलकाता उच्च न्यायालय

इससे स्पष्ट होता है कि, बंगाल सरकार संविधान के अनुसार निर्णय नहीं लेती है । ऐसी सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना ही योग्य होगा !

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के प्रसिद्ध ‘गीता प्रेस’ को गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा !

गीता प्रेस द्वारा अब तक श्रीमद्भगवद गीता की १६ करोड २१ लाख प्रतियां प्रकाशित !
गीता प्रेस द्वारा १४ भाषाओं में कुल ४१.७ करोड ग्रंथ प्रकाशित !

(इनकी सुनें….) ‘चित्रपट के संवाद अभी की पीढी को समझ में आए इसलिए जानबूझकर लिखे हैं ! – लेखक मनोज मुंतशीर शुक्ला

‘आदिपुरुष’ चित्रपट में आपत्तिजनक संवाद लेखक मनोज मुंतशीर शुक्ला द्वारा समर्थन !