(…इनकी सुनिए पूछ रहे हैं) ‘क्या महानगरपालिका की अनुमति ली है ?’ – बेंगळुरू पुलिस

बेंगळुरू में  पुरातन नागकट्टा के पडोस में स्थापित नागदेवता की पूजा करने में पुलिस से बाधा उत्पन्न  !

पुरातन नागकट्टा के पडोस में नागदेवता की स्थापना करते हुएं कार्यकर्ता

बेंगळुरू (कर्नाटक) – बेंगळुरू महानगरपालिका के मैदान के निकट पुरातन नागकट्टा के पडोस में स्थापित नागदेवता की पूजा ९ जुलाई २०२३ से प्रत्येक रविवार सवेरे ११ से १ बजेतक की जानेवाली थी । ‘संकल्प हिन्दू राष्ट्र’के अंतर्गत राष्ट्र रक्षा दल के संस्थापक श्री. पुनीत केरेहळ्ळी के नेतृत्व में इसका शुभारंभ होनेवाला था; परंतु पुलिस ने प्रश्न उपस्थित किया कि ‘क्या इस पूजा के लिए पालिका के अधिकारियों से अनुमति ली है ? यदि ली हो, तो उसका पत्र दिखाओ ?’ तब भी हिन्दुओं ने यहां घोषित किए अनुसार पूजा की । गत वर्षभर से ही यहां पूजा की जा रही थी; मात्र इस बार श्री. केरेहळ्ळी ने इस संदर्भ में सामाजिक माध्यमों से ‘संकल्प हिन्दू राष्ट्र’ के अंतर्गत इस पूजा के लिए लोगों को सम्मिलित होने का आवाहन करने से पुलिस ने उसमें बाधा उत्पन्न करने का प्रयत्न किया । (कर्नाटक पुलिस को हिन्दू राष्ट्र की एलर्जी ! – संपादक)

राष्ट्र रक्षा दल के श्री. पुनीत केरेहळ्ळी

अनेक वर्षों से उद्ध्वस्त हुए पुरातन नागकट्टा स्थान को राष्ट्र रक्षण दल एवं युवा ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने स्वच्छ कर पुरातन नागकट्टा की मूर्ति स्थापित की है ।

पालिका के नोटिस देने के स्थान पर पुलिस नोटिस क्यों दे रही है  ? – भाजपा के विधायक बसनगौडा पाटिल का प्रश्न

भाजपा के विधायक बसनगौडा आर्. पाटील

इस घटना के विषय में भाजपा के विधायक बसनगौडा आर्. पाटील (यत्नाळ) ने ट्वीट किया, ‘‘नागदेवता कट्टे की पूजा करनेवाले हिन्दुओं को नोटिस देनेवाली पुलिस किसके हाथ की कठपुतली बनकर कार्य कर रही है ? पालिका की अनुमति चाहिए थी तो पालिका को नोटिस देनी चाहिए थी; परंतु वह पुलिस ने दी । वे उनके सगे-संबंधी हैं क्या ?, ऐसे संशय निर्माण होता है । हिन्दुओं को इस राज्य में पूजा करने के लिए क्या पालिका एवं पुलिस की अनुमति लेनी होगी ?  ऐसी नोटिस अन्य किसी भी धार्मिक स्थलों को दी गई है क्या ?’’

संपादकीय भूमिका 

कर्नाटक में कांग्रेस के राज्य में हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों पर दमनचक्र ! कांग्रेस को चुनकर लानेवाले हिन्दुओं को क्या यह मान्य है ?