(और इनकी सुनिए …) ‘भविष्य में भारत में हिन्दु धर्म नहीं रहेगा !’ – आयआयटी देहली की प्राध्यापिका दिव्या द्विवेदी
यह पृथकता से कहने की आवश्यकता नहीं है कि ऐसी द्वेषी प्राचार्या छात्रों को क्या सिखाती होगी ? शासन को ऐसे लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए !
यह पृथकता से कहने की आवश्यकता नहीं है कि ऐसी द्वेषी प्राचार्या छात्रों को क्या सिखाती होगी ? शासन को ऐसे लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए !
सहस्रों वर्षों से असुर एवं कुछ शतक मुगलों ने सनातन धर्म नष्ट करने का प्रयास किया; परंतु सनातन धर्म आज भी जीवित है, तथा उसे नष्ट करनेवाले स्वयं ही नष्ट हुए हैं, यही दुहराते रहनेवाला है !
इस ब्रह्मांड में केवल एक ही ‘मर्यादा पुरूषोत्तम’ हैं और वे हैं भगवान श्री राम ! मुसलमानों के मत पाने की लालसा में ऐसे वक्तव्य देनेवालों का वैधानिक पद्धति से विरोध किया जाना चाहिए !
हिन्दू जनजागृति समिति ने ‘एक्स’ (पूर्व के ट्विटर) से किया था विरोध !
यदि इस्लाम के विरुद्ध कोई मत प्रस्तुत करता है, तो उसको सर तन से जुदा (सर धड से अलग करना) करने की धमकी दी जाती है । क्या उनसे कभी कमल हासन ने चर्चा करने का परामर्श दिया ? क्या कभी नुपूर शर्मा के प्रकरण में हासन ने मुंह खोला ? क्या उन्होंने कभी कन्हैयालाल के सर धड से अलग करने के वक्तव्य पर मुंह खोला ?
उदयनिधि का दल (द्रमुक) हिन्दू धर्म विरोधी है, उसकी विचारधारा ऐसी ही है, यह बात विश्व जानता है । इसलिए उदयनिधि का वक्तव्य सनातन धर्म के विरुद्ध ही है, इसमें किसी को संदेह नहीं है !
डी.एम.के. नेता जानबूझकर दलितों एवं पिछडे वर्ग के पारंपरिक मत प्राप्त करने के लिए ऐसी अश्लाघ्य आलोचना कर रहे हैं, धार्मिक हिन्दुओं को संगठित होकर वैधानिक मार्ग से इसका विरोध करना चाहिए !
इस पर तत्काल कार्यवाही होकर उदयनिधि और खडगे को कारागृह में डालना चाहिए !
यहां के कोरतगेरे में ५ सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे ।
शिरच्छेद के लिए १० करोड रुपयों का पुरस्कार घोषित करनेवाले परमहंस आचार्य पर उदयनिधि की उपहासात्मक टिप्पणी !