गुरुदेवजी के प्रति दृढ श्रद्धा, भाव, उत्तम नेतृत्व गुण एवं प्रेमभाव, इन गुणों से युक्त पुणे की श्रीमती मनीषा पाठक (आयु ४१ वर्ष) सनातन के १२३ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !
यदि हम सभी का साधन केंद्रबिंदु केवल और केवल परम पूज्य गुरुदेव होंगे, तो हमारे दोष, अहं और हमारे प्रारब्ध के कारण भले ही कितने भी प्रतिकूल प्रसंग आएं, तब भी हम परम पूज्य गुरुदेवजी के चरण कभी भी नहीं छोड सकते ।