मेरे द्वारा अनुभव किए गए, अत्यधिक गुणवान एवं अन्यों को अपने समान बनानेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी !

प.पू. डॉक्टरजी मेरे जीवन में आए और मुझे जीवन का ध्येय समझ में आया तथा उनकी कृपा से मुझे वहां साधना एवं सेवा करने का अवसर मिला । मेरी साधना के प्रारंभिक काल में उन्होंने मुझे व्यवहार एवं साधना की प्रत्यक्ष सीख प्रदान कर तैयार किया ।

मानसम्मान को बाजू में रखकर धर्म तथा मंदिरों के लिए ‘मंदिर रक्षक’ के रूप में एकत्र आएं ! – लखमराजे भोसले, युवराज, सावंतवाडी संस्थान

माणगांव (सिंधुदुर्ग) में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट सम्मेलन में ३७५ से अधिक मंदिर ट्रस्टियों ने भाग लिया !

गोवा में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने का आदेश वापस लेने पर बाध्य बनानेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में सम्मानित !

इस समय उपस्थित सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’, ‘छत्रपती शिवाजी महाराज की जय’ का जयघोष कर आनंद व्यक्त किया ।