बांग्लादेश में चल रही अराजकता तथा भारत के सामने खडी चुनौतियां !

बांग्लादेश में चल रही अराजकता उनके लोकतंत्र, आर्थिक विकास तथा भारत के लिए दुर्भाग्यजनक !

शारीरिक कष्ट बढने के विविध कारण

जब आप अन्न, हवा एवं पानी इन मूल बातों पर निर्भर होते हैं तथा वही यदि मिलावट आ जाती है, तो बीमारी से कोई अछूता नहीं रह सकता ! चिकित्सकीय क्षेत्र के लोग भी ! इसीलिए हमारी दादी जिस प्रकार स्वस्थ रही, उस प्रकार स्वस्थ रहने के लिए हमारी पीढी को बहुत अधिक प्रयास करने पडेंगे, यह निश्चित है !

गणेशोत्सव का आरंभ श्री गणेश चतुर्थी को ही क्यों ?

गणेश तृतीया, गणेश पंचमी अथवा गणेश सप्तमी के दिन क्यों नहीं मनाई जाती ? तत्त्ववेत्ता पुरुषों की भावना एवं मान्यता यह है कि मनुष्य में सत्त्व, रज एवं तम ये ३ गुण होते हैं । उन्हें सत्ता दिलानेवाला चैतन्य चौथा है ।

मोदक

‘मोद’ का अर्थ है आनंद तथा ‘क’ का अर्थ है छोटा सा अंश ! मोदक का अर्थ है आनंद का छोटा सा अंश !

वक्फ बोर्ड का हिन्दुओं के अधिकारों पर आक्रमण !

‘सुदर्शन न्यूज’ समाचारवाहिनी के संस्थापक संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके से ‘लक्ष्य सनातन संगम’ के राष्ट्रीय परामर्शदाता श्री. विशाल ताम्रकार ने संवाद किया तथा उनके साथ हिन्दुओं पर हो रहे आघातों के विषय पर बातचीत की । इस संवाद का सारांश यहां लेख के रूप में दे रहे हैं ।

भारत की वर्तमान स्थिति तथा उसका उपाय !

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता (श्री.) अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि,  भारत में एक कानून, एक शिक्षाव्यवस्था तथा एक ही न्यायव्यवस्था होनी चाहिए। ‘समान नागरिक संहिता कानून’ (यूसीसी) भारत की आत्मा है ।

संपादकीय : इजरायल ने प्रतिशोध ले ही लिया !

इजरायल के समान भारत ने जिहादी आतंकवादियों के विरोध में कार्यवाही की होती, तो अब तक भारत आतंकवाद से मुक्त हो गया होता !

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का हिन्दूद्वेष !

‘वर्ष १९८८ में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को ‘अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान’ घोषित किया गया । इस विश्वविद्यालय से कुछ दिन पूर्व ही चौंकानेवाला एक समाचार सामने आया है ।

‘ॐ शुद्धता प्रमाणपत्र’ आवश्यक क्यों है ?

इस प्रमाणपत्र के माध्यम से ‘हिन्दू बिक्रेता के द्वारा बेचा जानेवाला उत्पाद’ हिन्दुओं के द्वारा ही बना है’, इसकी आश्वस्तता की जानेवाली है ।

पेट साफ न होने के कारण होनेवाली स्थिति तथा उसका उपाय !

आयुर्वेद में बताया गया है कि पेट ठीक हो, तो जठराग्नि सुचारू रहने की संभावना अनेक गुना बढ जाती है । अग्नि के बिगडने के अनेक कारण हैं । ‘अग्नि ठीक होने पर स्वस्थ जीवन मिलता है तथा वह ठीक न हो, तो सभी बीमारियों की संभावना होती है ।’