वक्फ बोर्ड का हिन्दुओं के अधिकारों पर आक्रमण !

‘गोवा में हिन्दू जनजागृति समिति के नेतृत्व में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ आयोजित किया ग्या था । इस अवसर पर दुर्ग, (छत्तीसगढ) के ‘लक्ष्य सनातन संगम’ के राष्ट्रीय परामर्शदाता श्री. विशाल ताम्रकार ने ‘सुदर्शन न्यूज’ समाचारवाहिनी के संस्थापक संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके से संवाद किया तथा उनके साथ हिन्दुओं पर हो रहे आघातों के विषय पर बातचीत की । इस संवाद का सारांश यहां लेख के रूप में दे रहे हैं ।

वक्फ बोर्ड के द्वारा हिन्दुओं के मंदिरों, घरों तथा भूमि पर अतिक्रमण करने के विषय में प्रातिनिधिक चित्र

१. तमिलनाडू में वक्फ बोर्ड को संपूर्ण गांव पर नियंत्रण

इस अवसर पर श्री. सुरेश चव्हाणके ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि उनकी सरकार एक कानून बनानेवाली है, जिसके अनुसार जिन्होंने धर्मांतरण किया है, उन्हें मिल रही आरक्षण की सुविधा रद्द की जाएगी । पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश अथवा भारत के विभाजन के उपरांत बने एक भी इस्लामी देश में सनातन बोर्ड नहीं है; परंतु भारत में वक्फ बोर्ड है । तत्कालिन कांग्रेस की सरकार ने इस विभाग को असीमित अधिकार प्रदान किए हैं । ये ऐसे अधिकार हैं, जिनके अंतर्गत वक्फ बोर्ड हिन्दुओं के ५ सहस्र वर्ष पुराने मंदिर तथा गांव अपने नियंत्रण में कर लेता है ? तमिलनाडू के वक्फ बोर्ड ने त्रिची जिले के तिरुचेंथुरई गांव के १ सहस्र ५०० वर्ष पुराने मानेदियावल्ली चंद्रशेखर स्वामी मंदिर की भूमि पर अपने स्वामित्व का दावा किया है । इस गांव में तथा उसके इर्द-गिर्द के परिसर में इस मंदिर की ३६९ एकर संपत्ति है । राजगोपालन् नाम के एक स्थानीय किसान ने जब उसकी १.२ एकर कृषिभूमि उसी गांव के अन्य एक किसान को बेचने का प्रयास किया, उस समय वक्फ बोर्ड के इस दावे की जानकारी सामने आई, ऐसा पंजीकरण कार्यालय की ओर से उसे बताया गया ।’’

सुरेश चव्‍हाणके

२. कर्नाटक में वक्फ बोर्ड का २ लाख ३५ सहस्र करोड रुपए का भूमि घोटाला

इसके उपरांत श्री. चव्हाणके ने आगे कहा, ‘‘विभिन्न समाचारपत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की ओर से २ लाख ३५ सहस्र करोड रुपए मूल्य की भूमि लूटी गई । कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के ब्योरे के अनुसार कर्नाटक के प्रमुख मुसलमान नेताओं ने वक्फ बोर्ड की भूमि से संबंधित २ लाख ३५ सहस्र करोड रुपए का घोटाला किया है, ऐसा सामने आया है । इस संदर्भ में वर्ष २०१२ में कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने ब्योरा प्रस्तुत किया था; परंतु उसके उपरांत सत्ता मेां आए सर्वदलीय सरकारों ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया । भाजपा के कर्नाटक विभाग के संयुक्त प्रवक्ता तथा राज्य अल्पसंख्यांक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अन्वर मणिपाडी ने भाजपा नेता तथा तत्कालिन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से इस ब्योरे के आधार पर उचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया था ।

श्री. विशाल ताम्रकर

३. ‘सनातन बोर्ड’ को क्या वक्फ बोर्ड जितने अधिकार मिलेंगे ?

वक्फ बोर्ड ने भारत के सभी राज्यों की संपत्तियों को किस प्रकार अपने नाम पर हस्तांतरित किया, यह राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकारों के द्वारा अन्वेषण करनेयोग्य विषय है ।

भारत में सेना एवं रेल विभाग के उपरांत अधिकतर भूमि वक्फ बोर्ड की है । सनातन बोर्ड की स्थापना के उपरांत क्या केंद्र अथवा राज्य सरकारें सनातन बोर्ड को भी इस प्रकार से असीमित अधिकार (जितने वक्फ बोर्ड के पास हैं) देंगी ? जिसमें सनातन बोर्ड मस्जिद से सटी मस्जिद तथा उसके इर्दगिर्द का परिसर अपने नियंत्रण में लेगा अथवा उस पर अधिकार का दावा करेगा, साथ ही उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में अंतर्भूत कर पाएगा? इस पर आपका उत्तर ‘नहीं !’ ऐसा है, तो फिर वक्फ बोर्ड हिन्दू मंदिरों, भारत के विभिन्न प्राचीन मंदिरों, सार्वजनिक संपत्तियों तथा सामान्य जनता की निजी भूमि को अपना दावा जताकर कैसे उन पर अपना अधिकार स्थापित कर रहा है ? इस धर्मनिरपेक्ष देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, न्याय को सूली पर चढाया जा रहा है तथा लोगों के अधिकार छिने जा रहे हैं ।’’

देश की इस वर्तमान स्थिति को देखकर श्री. विशाल ताम्रकार ने कहा, ‘‘जो व्यवहार हमें स्वीकार नहीं होता, वैसा व्यवहार हमें अन्य कोई भी जाति, धर्म, पंथ, समुदाय अथवा व्यक्ति के साथ नहीं करना चाहिए । यदि हमें देश को एक नई ऊंचाई तक ले जाना है, तो हमें जाति एवं धर्म से परे जाकर सभी को समानता का अधिकार प्रदान करना होगा । किसी के अधिकार का हनन करना अथवा किसी के साथ अन्याय करना, राष्ट्र को रसातल ले जाता है । ‘समानता का अधिकार’ राष्ट्र की न्यायव्यवस्था का प्रतिबिंब है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की ओर समानता की दृष्टि से देखा जाता है, साथ ही वह प्रेम एवं सद्भावना का प्रतीक है ।’’

– श्री. विशाल ताम्रकार, राष्ट्रीय परामर्शदाता, ‘लक्ष्य सनातन संगम’, दुर्ग, छत्तीसगढ