SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : पुलिस द्वारा भक्तों के साथ सद्‌व्यवहार – अयोध्या समारोह की सकारात्मक घटना !

रामोत्सव अर्थात श्रीरामलला की (श्रीरामजी के बाल रूप) प्राणप्रतिष्ठा समारोह ! इस समारोह में आरंभ से ही उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों का भक्तों से अत्यंत अच्छा व्यवहार था । यह देखकर स्वयं की आंखों पर मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था  !

श्रीराम : कुशल संगठन के आदर्श !

५०० वर्ष की प्रतीक्षा के उपरांत अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बन रहा है । ऐसे स्वर्णिमक्षण में हिन्दू श्रीराम के संगठनकार्य का आदर्श सामने रखेंगे, तो संपूर्ण भारत के अन्य अतिक्रमित मंदिर भी हिन्दुओं को प्राप्त होने में समय नहीं लगेगा ।

श्रीराम मंदिर के निर्माण-कार्य में सनातन संस्था का आध्यात्मिक सहभाग !

१५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’

श्रीराम मंदिर एवं शंकराचार्य !

‘श्रीराम मूर्ति प्रतिष्ठान केपहले प्रसारमाध्यम ‘शंकराचार्याें ने किया प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार !’, इस आशय के समाचार दिखा रहे थे। इसे देखते हुए मैं कुछ सूत्र आपके सामने रखना चाहता हूं । यदि संभव हो, तो इन सूत्रों को शांत मन से पढकर समझ लें ।

अयोध्या में श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के कारण भारत राममराज्य की ओर गति से अग्रसर होगा !

अयोध्या में श्री रामलला (बालक-रूप की श्रीराम की मूर्ति) की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह भारत के, साथ ही संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं के लिए यह अत्यंत आनंद का क्षण होगा । २२.१.२०२४ को दोपहर १२.३० बजे आकाश में स्थित ग्रहीय स्थिति का ज्योतिषशास्त्रीय विश्लेषण आगे दिया गया है

अगले ढाई वर्ष तक श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा हेतु शुभ मुहूर्त नहीं है !

अयोध्या में होनेवाली श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की तिथि पर विभिन्न लोग आपत्ति जता रहे हैं । इस संदर्भ में वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविडजी ने इसका गणित बताकर प्राणप्रतिष्ठा हेतु २२ जनवरी २०२४ का दिन ही कैसे उचित है, यह बताया है ।

राममंदिर का उद्घाटन तथा प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हिन्दुओं का आत्मसम्मान !

‘रामायण’ एक ऐतिहासिक ग्रंथ है । हिन्दुस्थान सांस्कृतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक, ऐसे सभी क्षेत्रों में सर्वाेच्च स्थान पर विराजमान एकमात्र देश था ।

माघ मेला : गंगास्नान धर्माशास्त्रानुसार करें !

वर्ष २०२४ में माघ मेला १५ जनवरी से आरंभ हो गया है । प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के साथ इस मेले का आरंभ हो जाता है, जो महाशिवरात्रि के दिन स्नान करने के साथ समाप्त होता है ।

खुलकर बात करना एक महान औषधि है !

यदि मन में किसी भी प्रकार के विचार संगठित हुए, तो उसका परिणाम देह पर होता है तथा विभिन्न शारीरिक कष्ट आरंभ होते हैं । खुलकर बात करने से मन में इकट्ठा हुई भावनाओं को मार्ग मिलता है तथा मन हल्का होता है ।

श्रीराममूर्ति प्राणप्रतिष्ठा के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति !

श्रीराम मंदिर के कारण अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय श्रेणी का हवाई अड्डा, अच्छी सडकें, अच्छे होटल तथा अनेक मूलभूत सुविधाओं की निर्मिति हुई है । व्यापारियों के संगठन ने बताया है कि ‘श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के दिन ही ५० सहस्र करोड रुपए का निवेश हो सकता है’ ।