Security Tightened For Kumbh Snan : ३ फरवरी को संगमतट पर तीसरे अमृतस्नान के लिए पुलिस एवं प्रशासन की तैयारी !

दुर्घटना से सीख लेते हुए प्रभावी व्यवस्था !

श्री. नीलेश कुलकर्णी, विशेष प्रतिनिधी, प्रयागराज

प्रयागराज, २ फरवरी (संवाददाता) : यहां २९ जनवरी को दूसरे अमृतस्नान के दिन मची भगदड की पृष्ठभूमि पर वसंत पंचमी के मुहूर्त पर अर्थात ही ३ फरवरी को साधु-संतों का तीसरा तथा अंतिम अमृतस्नान होनेवाला है । इसके आगे १२ फरवरी एवं २६ फरवरी को जो स्नान होंगे, वो पर्वस्नान हैं । २९ जनवरी को भगदड की दुर्घटना में ३० श्रद्धालुओं को प्राण गंवाने पडे थे, जबकि ९० श्रद्धालु घायल हुए थे । उसके कारण केंद्र एवं उत्तरप्रदेश की सरकार को बहुत आलोचना झेलनी पडी थी । इस पृष्ठभूमि पर तीसरा अमृतस्नान सुचारुरूप से संपन्न हो; इसके लिए प्रशासन पर तनाव है ।

पुलिस एवं प्रशासन तैयार

इस अमृतस्नान की पृष्ठभूमि पर पुलिस प्रशासन ने ३ से ४ फरवरी की अवधि में कुंभक्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है । इसके लिए अतिमहनीय व्यक्तियों के लिए आवंटित पास (वीआईपी पास) निरस्त किए गए हैं । ‘२९ जनवरी को इन्हीं ‘वीआईपी पास’ के कारण पुलिस बल अतिमहनीय व्यक्तियों की सुरक्षा में फंस गया तथा उसके कारण उनसे सर्वसामान्य श्रद्धालुओं की व्यवस्था में अनदेखी हुई’, ऐसा आरोप विरोधी दलों ने लगाया । इस पृष्ठभूमि पर यह निर्णय लिया गया है । इसके साथ ही सभी ३० पांटून पूल (नदी से आने-जाने हेतु बनाए गए तात्कालिक पूल) भी सर्वसामान्य श्रद्धालुओं के लिए खोले गए हैं । पिछली बार इनमें से अधिकतर पूलों को बंद किए जाने के कारण एक ही स्थान पर प्रचंड भीड उमडकर भगदड मची थी ।

साधु-संतों तथा श्रद्धालुओं में अपार उत्साह !

दुर्घटना के उपरांत आज तक प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु गंगास्नान कर रहे हैं । अभी तक कुल लगभग ३४ करोड श्रद्धालुओं ने गंगास्नान किया है । इससे ‘इस दुर्घटना का श्रद्धालुओं पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक परिणाम नहीं हुआ है’, यही दिखाई देता है । तीसरे अमृतस्नान के लिए साधु-संतों तथा श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखने को मिल रहा है । ‘हमारे (श्री पंचायती निरंजनी) अखाडे में वसंत पंचमी के उपलक्ष्य में किए जानेवाले अमृतस्नान की जोरशोर से तैयारी चल रही है । हमारे रथ सजाए जा रहे हैं । सभी संत स्नान के लिए जानेवाले हैं । हम सभी कल का स्नान उत्साहपूर्वक संपन्न हो; इसके लिए प्रयासरत हैं । वसंत पंचमी का स्नान ऊर्जा का स्नान है’, ऐसी प्रतिक्रिया अखिल भारतीय आखाडा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरीजी महाराज ने व्यक्त की ।

श्रद्धालु ‘संगम नोज’ पर ही स्नान का हठ न करें ! – अखाडा परिषद

‘सनातन प्रभात’के प्रतिनिधि से बात करते हुए अखिल भारतीय आखाडा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरीजी महाराज ने कहा, ‘‘गंगा नदी ५ कोस दूर तक (१५ कि.मी. तक) फैली है । इसलिए गंगा के किसी भी क्षेत्र में स्नान किया, तब भी संगमस्नान का फल मिलेगा । जिसे ‘संगम नोज’ (स्नान का मुख्य स्थान) कहा जाता है, उसका स्थान प्रतिवर्ष बदलता रहता है । अतः श्रद्धालु संगमतट पर ही स्नान का हठ न कर जहां निकट में गंगा नदी का क्षेत्र है, वहां स्नान करें । वहां स्नान करने से भी पापक्षालन होगा तथा मोक्ष मिलेगा ।’’

तीसरे अमृत स्नान को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन पर दबाव

गंगा नदी के किसी भी घाट पर स्नान किया, तब भी अमृतस्नान का लाभ मिलेगा ! – आचार्य महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद पुरीजी महाराज

‘सनातन प्रभात’के प्रतिनिधि से बात करते हुए श्री पंचायती अखाडा निरंजनी के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद पुरीजी महाराज ने कहा, ‘‘वसंत पंचमी का अमृतस्नान निर्विघ्नरूप से संपन्न हो; इसके लिए हम निरंतर प्रार्थना कर रहे हैं । सरकार अच्छे ढंग से तैयारी कर रही है । गंगा नदी के किसी भी घाट पर स्नान करने से अमृतस्नान का लाभ मिलेगा; अतः श्रद्धालु संगम पर भीड न कर अन्य किसी भी घाट पर स्नान करें ।