देश के लिए सर्वोत्कृष्ट कार्य करने के लिए हिन्दू धर्म मुझे धैर्य एवं बल देता है ! – ऋषी सुनक

भारत के कितने हिन्दू लोकप्रतिनिधि इसप्रकार सार्वजनिकरूप से कहते हैं ?

राष्ट्र की आध्यात्मिक उन्नति होनी चाहिए !

भारत में हिन्दुओं को सुरक्षित एवं शांति से जीवन जीने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित होना आवश्यक !

भारतीय संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द निकालने का समय आ गया है ! – अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी, महासचिव, अखिल भारतीय कानूनी सहायता संस्था, बंगाल

बांगलादेश से आए घुसपैठियों के कारण असम, मिजोरम एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों के ८ सहस्र गांव मुसलमानबहुल हो गए हैं । इन सभी गावों में ९० प्रतिशत से अधिक मुसलमान हैं ।

निद्रिस्त हिन्दुओं को जगाकर संपूर्ण विश्व में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है ! – हरिश जोशी, प्रदेश महामंत्री, श्रीराम युवा सेना, मध्यप्रदेश

हम भी गोहत्या, लव जिहाद एवं धर्मांतरण के विरुद्ध कार्य करते हैं । हिन्दुत्व का कार्य करने के कारण विरोधियों ने मुझ पर तथा मेरे भाई पर आक्रमण किए; परंतु ईश्वर की कृपा से उससे हमारी रक्षा हुई ।’’

धर्म, धर्मनिरपेक्षता एवं संविधान !

भारत स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र है ही; परंतु संविधान द्वारा यह घोषित होना आवश्यक है !

चीनी (फेंगशुई) वास्तुशास्त्र अच्छा अथवा भारतीय वास्तुशास्त्र श्रेष्ठ ?

भारतीय वास्तुशास्त्र में निश्चित नियम हैं । ये नियम किसी भी व्यक्ति, कुटुंब एवं घर के लिए समान रूप से ही लागू हैं । पुन: पुन: रचना में परिवर्तन करने की थोडी भी आवश्यकता नहीं । ‘अच्छे अथवा अनिष्ट परिणाम किस कारण होते हैं ?’, यह भी स्पष्ट रूप से बताया है ।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त : भगवान श्रीकृष्ण की उपासना

हमारे उपास्यदेवता की विशेषता तथा उनकी उपासना से संबंधित अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी ज्ञात होने पर देवता के प्रति श्रद्धा निर्माण होती है । यह उद्देश्य ध्यान में रखकर इस लेख में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त श्रीकृष्ण भगवान की कुछ विशेषताएं तथा उनकी उपासना से संबंधित उपयुक्त अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी जा रही है ।

सनातन के ‘रासलीला’ ग्रंथ में राधा द्वारा श्रीकृष्ण को प्रार्थना के रूप में किया आत्मनिवेदन तथा श्रीकृष्ण द्वारा उत्तर के रूप में किया उनका मार्गदर्शन ! मार्गदर्शन पढने पर ईश्वर की कृपा से साधिका को सूझे सूत्र

परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने साधकों को ‘गुरुकृपायोग’ का साधनामार्ग बताकर ‘ईश्वरप्राप्ति’ का ध्येय दिया, जिससे साधक उनमें नहीं अटकते

‘ज्योतिषशास्त्र को अन्य भारतीय शास्त्रों से जोडना’ इस शोध में सहभागी होने के लिए ज्योतिषशास्त्र के अध्ययनर्ताओं के लिए स्वर्णिम अवसर !

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ की ओर से ज्योतिषशास्त्र में शोधकार्य आरंभ है । उसके अंतर्गत ज्योतिषशास्त्र को अन्य भारतीय शास्त्रों से (वास्तुशास्त्र, आयुर्वेद, संगीत, मंत्रशास्त्र इत्यादि से) जोडनेवाला शोधपरक अध्ययन करना है |

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ के अंतर्गत ‘वास्तुओं की सात्त्विकता का अध्ययन’, इससे संबंधित शोधकार्य में सम्मिलित हों !

वर्तमान काल में समाज में वास्तुशास्त्र बहुत ही प्रचलित है । प्रत्येक व्यक्ति को लगता है कि अपना घर वास्तुशास्त्र के अनुसार होना चाहिए । घर में वास्तुदोष हों, तो वहां निवास करनेवालों पर उसके विपरीत परिणाम होते हैं ।