श्रीकृष्ण के आंतरिक सान्निध्य में रहनेवालीं रत्नागिरी की श्रीमती विजया पानवळकर सनातन के १२६ वें संतपद पर हुईं विराजमान !

साधना में निरंतरता, दृृढता तथा श्रीकृष्ण के निरंतर आंतरिक सान्निध्य में रहनेवालीं यहां की सनातन की साधिका श्रीमती विजया वसंत पानवळकर (आयु ८४ वर्ष) सनातन के १२६ वें संतपद पर विराजमान हुईं ।

प्रीति, परिपूर्ण सेवा करना आदि विभिन्न गुणों से युक्त कर्णावती (गुजरात) के श्री. श्रीपाद हर्षे संतपद पर विराजमान !

ईश्वर के निरंतर आंतरिक सान्निध्य में रहनेवाले वडोदरा के सनातन के साधक श्री. श्रीपाद हर्षे (आयु ८९ वर्ष) सनातन के १२७ वें संतपद पर विराजमान हुए ।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की नेपाल यात्रा

यू ट्यूब चैनल स्वधर्म टी.वी. की ओर से ‘अध्यात्म’ विषय पर सदगुरु डॉ. पिंगळेजी से भेंटवार्ता

बच्चों के लालन-पालन से संबंधित चुनौतियों का सामना करने में तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सनातन के नए ग्रंथ सहायक सिद्ध होंगे ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

कतरास (झारखंड) यहा सनातन के ‘आदर्श अभिभावक कैसे बनें ?’ इस ग्रंथ का लोकार्पण

सनातन धर्म नष्ट करने का षड्यंत्र ही है धर्मयुद्ध का आरंभ ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘सनातन धर्म को नष्ट करने का षड्यंत्र प्रतिदिन रचा जा रहा है । ‘सर तन से जुदा’ के (सर काटने के) नारे लगाकर भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की गतिविधियां तीव्र गति से चल रही हैं ।

विविध स्थानों पर समाज के धर्मनिष्ठ हिन्दुओं द्वारा सार्वजनिक प्रवचन एवं हिन्दू राष्ट्र-जागृति बैठकों का आयोजन !

झारखंड एवं पश्चिम बंगाल क्षेत्र में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी का हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान किया । इस विषय में संक्षिप्त जानकारी हमारे पाठकों के लिए यहां दे रहे हैं ।

‘बिजली के दीप से युक्त प्लास्टिक का दीप’ तथा ‘मोम की ज्योति’ लगाने से वातावरण में नकारात्मक स्पंदन प्रक्षेपित होना; परंतु इसके विपरीत ‘तिल का तेल तथा रुई की बाती डालकर प्रज्वलित किए गए मिट्टी के पारंपरिक दीप’ के प्रभाव से वातावरण में सकारात्मक स्पंदन प्रक्षेपित होना

बिजली के दीप से युक्त दीप तथा मोम के दीप का उपयोग टालकर तिल के तेल तथा हाथ से बनाई गई रुई की बाती डालकर मिट्टी के दीप प्रज्वलित करना आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी है ।

करवा चौथ

विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घ आयु एवं स्वास्थ्य की मंगलकामना कर भगवान रजनीनाथ को (चंद्रमा) अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करती हैं ।

आध्यात्मिक लाभ एवं चैतन्य देनेवाली मंगलमय दीपावली !

शरद ऋतु के आश्विन मास की पूर्णिमा तथा यह अमावस्या भी कल्याणकारी है । लक्ष्मीपूजन के दिन प्रातःकाल मंगलस्नान कर देवतापूजन, दोपहर में पार्वणश्राद्ध एवं ब्राह्मण-भोजन और संध्याकाल में (प्रदोषकाल में) फूल-पत्तों से सुशोभित मंडप में लक्ष्मी, श्रीविष्णु एवं कुबेर की पूजा की जाती है ।

पटाखों के कारण होनेवाला प्रदूषण : एक विनाशकारी नरकासुर !

दीपावली के समय मौज-मस्ती, विभिन्न व्यंजनों का सेवन इसके साथ ही आजकल बडी मात्रा में पटाखे जलाकर करोडों रुपए उडाए जाते हैं । वास्तव में देखा जाए, तो पटाखे मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हैं । इस विषय में विवेचन करनेवाला लेख यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ।