वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का तीसरा दिन (२६ जून) उद्बोधन सत्र : भारतविरोधी शक्ति
संत समाज को विशेषरूप से आदिवासी क्षेत्रों में जाना चाहिए । आदिवासी धार्मिक होते हैं । वे श्रद्धालु होते हैं । साधु- संतों का आदर-सत्कार करते हैं । अब तक केवल मुसलमान और ईसाई समाज इनकी ओर वोटबैंक के रूप में देख रहा था ।