हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने के पश्चात ही विश्व का कल्याण करने में भारत सक्षम बनेगा ! – प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरी महाराज, कोषाध्यक्ष, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास, अयोध्या

भारत में अनादि काल से हिन्दू संस्कृति है । यह संस्कृति प्रगल्भ विचारधारा लेकर आई है । संसार की अन्य संस्कृतियों का लय हो चुका है, तब भी हिन्दू संस्कृति आज भी टिकी हुई है; क्योंकि यह संस्कृति वैदिक विचारधारा पर आधारित है ।

‘भारतीय अर्थव्यवस्थापर नया आक्रमण : हलाल जिहाद ?’ ग्रंथ का संतों के शुभहस्तों लोकार्पण !

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उद्घाटन सत्र के उपरांत ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर नया आक्रमण : हलाल जिहाद ?’, इस हिन्दू जनजागृति समिति के मराठी एवं हिन्दी भाषा के ग्रंथों का लोकार्पण किया गया ।

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में धर्मकार्य करनेवाले हिंदुत्वनिष्ठों की आध्यात्मिक प्रगति की घोषणा से आनंद का वातावरण !

अभी तक के अधिवेशन में ५ संत हुए, ४० हिंदुत्वनिष्ठों ने ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त किया, यह अधिवेशन की फलोत्पत्ति है !

काशी में ज्ञानवापी मस्जिद का अभियोग लडनेवाले पू. अधिवक्ता हरि शंकर जैनजी और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का श्री मंगेश देवस्थान और गोमंतक के अन्य प्रमुख मंदिरों द्वारा सम्मान !

काशी विश्वनाथ मंदिर से अतिक्रमण हटाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद के विरुद्ध सफल न्यायालयीन लडाई के लिए गोमंतक के विभिन्न मंदिरों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी और उनके बेटे, ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में १२ जून को प्रथम दिवस पर विशेष सत्कार किया गया ।

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में उपस्थित संतों और हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम का अवलोकन !

श्री स्वामी रामराजेश्वराचार्यजी सरकारजी महाराज ने रामनाथी स्थित सनातन के आश्रम को भेंट दी और आश्रम में चलनेवाले राष्ट्र एवं धर्म का कार्य समझकर लिया ।

स्वयं के द्वारा हिन्दू धर्म का आचरण करने से ही हिन्दुओं को जागृति लाना संभव ! – दयाल हरजानी, व्यावसायी, हाँगकाँग

हमें मूलतः आंतरिक यात्रा कर ही अर्थात साधना कर ही धर्मकार्य के लिए तैयार होना होगा । स्वयं के द्वारा हिन्दू धर्म का आचरण करने से ही हिन्दुओं में जागृति लाना संभव है, ऐसा प्रतिपादन हाँगकाँग के व्यायवसायी श्री. दयाल हरजानी ने किया ।

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘जाँबाज हिंदुस्थानी सेवा समिति’ की ओर से धर्मवीरों का सम्मान !

‘जाँबाज हिंदुस्थानी सेवा समिति’ के अध्यक्ष श्री. आलोक आजाद, उपाध्यक्ष श्री. आलोक तिवारी, महामंत्री श्री. प्रवीण उपाध्याय और कोषाध्यक्ष श्री. धीरेंद्र श्रीवास्तव जी ने इन धर्मवीरों को यह सम्मानचिन्ह प्रदान किया ।

इस्लामी जिहाद के विरोध में निरंतर संघर्ष करना होगा ! – प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती, महंत, डासना पीठ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

‘‘मुगलों से लेकर आज तक इस्लामी जिहाद के विरोध में निरंतर युद्ध जारी ही है । हिन्दुओं की हत्या, हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार करना, संपत्ति लूटना, धर्मपरिवर्तन करना, ‘लैंड जिहाद’, ‘लव जिहाद’इत्यादि; यही इस्लामी जिहाद की नीतियां हैं ।

हिन्दू धर्म के प्रसार के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए ! – संतोष केचंबा, संस्थापक, राष्ट्र धर्म संगठन, बेंगलुरू

ज्ञान और आध्यात्मिकता के कारण हिन्दू पहचाना जाता है । आज के समय में हम अस्थिर, अनिश्चित,जटील और अस्पष्ट भविष्यवाले विश्व में जी रहे हैं, यह युक्रेन-रुस युद्ध, कोरोना महामारी और विभिन्न स्थानों पर हिन्दुत्वनिष्ठों की हो रही हत्याओं से ध्यान में आता है ।

देश, भाषा, संस्कृति और हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठा रहकर धर्मकार्य करने से हिन्दू राष्ट्र आने में समय नहीं लगेगा ! – जगद्गुरु रामराजेश्वर माऊली सरकारजी महाराज, रुक्मिणी वल्लभ पीठ, कौंडण्यपुर अमरावती, महाराष्ट्र

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में राष्ट्र और धर्म के लिए क्रियाशील होने का हिन्दुओं से आवाहन !