संप्रदायवाद छोडकर हिन्दुत्ववाद और राष्ट्रवाद अपनाइए ! – पू. चंद्रकांत महाराज शुक्लजी, जिलाप्रमुख, गुरुवंदना मंच, वलसाड, गुजरात.

जिस प्रकार से कि किसानों ने अनेक महिनोंतक आंदोलन किया और उसके कारण सरकार को ३ कृषि कानून रद्द करने पडे, उसी प्रकार हिन्दुओं को सरकार पर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए दबाव बनाना पडेगा ।

दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ को हिन्दुत्वनिष्ठों का स्वयंस्फूर्त प्रतिसाद !

इन्क्विजिशन’ के नामपर ईसाई मिशनरियों ने 250 वर्ष गोमंतकियों ने किए हुए अमानवीय और क्रूर अत्याचारों लिए ईसाई संस्था के प्रमुख पोप को गोमंतकियों की सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए, ऐसी मांग श्रीमती एस्थर धनराज ने की ।

‘हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्य करनेवाले को ही मतदान करूंगा’, ऐसे लोकप्रतिनिधियों को दृढता से बताएं ! – राजीव शाह, अध्यक्ष, सायबर सिपाही (दक्षिण राज्य) भाग्यनगर, तेलंगाणा

देश में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, लूटपाट आदि के बढते हुए भी पुलिस उसे छोडकर हिन्दू संगठनों की गतिविधियों की कडी निगरानी कर रही है । यह हिन्दुओं का दुर्भाग्य है । भोपाल में हिन्दू देवी-देवताओं के विषय में झूठा प्रसार कर हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है ।

नेपाल के हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा संतों और धर्मप्रेमियों का सम्मान !

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के व्यासपीठ से नेपाल के ‘हिन्दू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. भोलानाथ योगी और पोखरा के ‘विश्व हिन्दू महासंघ’ के जिला अध्यक्ष श्री. शंकर खराल ने सद्गुरु, संत एवं धर्मप्रेमीयों को रुद्राक्ष की माला और नेपाली टोपी पहनाकर सम्मान किया ।

नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए भारत की सहायता आवश्यक ! – डॉ. भोलानाथ योगी, हिन्दू विश्वविद्यालय, नेपाल

‘नेपाल में ९५ प्रतिशत हिन्दू हैं; परंतु पाश्चात्त्यों के प्रभाव के कारण अब वहां पर टोपी के स्थान पर टाइ को महत्व दिया जा रहा है । नौकरी के निमित्त पश्चिमी देशों में जाने के कारण नेपाल में पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव बढ रहा है । इसलिए वहां अब हाथों से भोजन करना असभ्य समझा जाता है ।

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने से कोई भी नहीं रोक सकता ! – पू. श्रीरामज्ञानीदास महात्यागी, संस्थापक, तिरखेडी आश्रम, गोंदिया, महाराष्ट्र

जिनकी शारीरिक क्षमता है, वह देह से, बौद्धिक क्षमता है वह बुद्धि से, इस प्रकार सभी को स्वयं की क्षमता के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए योगदान देना आवश्यक है । केवल भाषण देकर नहीं, तो प्रत्यक्ष योगदान देकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी । समाज परिवर्तनशील है ।

हिन्दू राष्ट्र संसद में पाठ्यपुस्तकों में भारत का तेजस्वी इतिहास अंतर्भूत करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित !

गोवा में चल रहे दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की हिन्दू राष्ट्र संसद में ‘पाठ्यपुस्तकों में भारत का तेजस्वी इतिहास अंतर्भूत किया जाए’, यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया । संसद के अधिकांश सदस्यों ने पाठ्यपुस्तकों में भारत का इतिहास बनानेवाले संतों, राष्ट्रपुरुष और क्रांतिकारियों का समावेश करने की मांग की ।

आदर्श चरित्र निर्माण करनेवाली शिक्षा आवश्यक ! – पू. (डॉ.) शिवनारायण सेन, उपसचिव, शास्त्र धर्म प्रचार सभा, बंगाल.

पूर्व काल में भारत में विद्यालय मंदिरों में ही चलाए जाते थे । सामान्यत: प्रत्येक गांव में एक मंदिर था एवं प्रत्येक गांव में एक विद्यालय ! एक अंग्रेज अधिकारी थॉमस मुन्रो के ब्योरे के अनुसार वर्ष १८२६ में दक्षिण भारत में १ लाख २८ सहस्र विद्यालय थे ।

VIDEO : मंदिर सामूहिक उपासना के केंद्र बनें; इसके लिए संगठितरूप से प्रयास करना आवश्यक ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

मंदिर संस्कृति की रक्षा के लिए हमें अभी बहुत कार्य करना है । मंदिर चैतन्य के स्त्रोत हैं । आज मस्जिदों पर लगाए गए अवैध भोंपुओं के विरोध के रूप में ही क्यों न हो; परंतु मंदिरों में हनुमान चालिसा के पाठ होने लगे हैं । अनेक मंदिरों में महाआरती की जा रही है ।

आपातकाल में हिन्दू समाज के सर्व घटकों को एकत्र आकर हिन्दुओं की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए ! – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

आगे आनेवाले भीषण आपातकाल में हिन्दुत्वनिष्ठ एवं साधकों को सात्त्विक व्यक्तियों को बचाने का प्रमुख कार्य होगा । आपत्ति में फंसे सज्जन हिन्दुओं की सर्वाेपरी सहायता करें । यह संपूर्ण कार्य किसी भी एक संगठन अथवा व्यक्ति का नहीं है ।