श्री रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट (शिकायत दर्ज)
हिन्दूद्वेषी मौर्य के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए हिन्दुओं को वैध मार्ग से संघर्ष कर प्रशासन पर दबाव बनाना आवश्यक !
हिन्दूद्वेषी मौर्य के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए हिन्दुओं को वैध मार्ग से संघर्ष कर प्रशासन पर दबाव बनाना आवश्यक !
हिन्दूबहुल भारत में रह कर हिन्दुओं के मंदिर के विषय में इस प्रकार का वक्तव्य करने का साहस होता है, हिन्दुओं के लिए यही लज्जाजनक है ! पाकिस्तान में ही नहीं, अपितु भारत में भी अन्य धर्मियों के श्रद्धास्थान के विषय में कोई ऐसा वक्तव्य दे, तो क्या होता है, पूरे विश्व को ज्ञात है !
इससे चंद्रशेखर की हिन्दू विरोधी मानसिकता स्पष्ट होती है ! एक योजना के अंतर्गत वे हिन्दू धर्म का अपमान कर अन्य धर्म के लोगों के मतों के लिए उनके धर्म की प्रशंसा कर रहे हैं । जब तक बिहार के हिन्दू संगठित नहीं होते, तब तक इस प्रकार की राजनीति चालू ही रहेगी !
यदि एक राज्य के शिक्षामंत्री ही ऐसा कहें, तो राज्य की शिक्षा कैसी होगी ? इसकी कल्पना करना असंभव है !
राम मंदिर को माध्यम बनाकर राजनीतिक लाभ उठानेवालों के मैं विरुद्ध हुं । भाजपा राम मंदिर का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है सिद्धरमैया ने यह आरोप लगाया । सोशल मीडिया से बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में सर्व धर्म समान हैं ।
इससे धर्मांध मुसलमानों की विकृत मानसिकता समझ में आती है ! भारत के निरपेक्षतावादी तथा पुरो(अधो) गामी सदैव धर्मांधों का साथ देते हैं, यह समझ लें !
उत्तर प्रदेश में हिन्दुत्वनिष्ठ भाजपा की सरकार सत्ता में होते हुए भी उद्दंड ईसाई वहां हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन का प्रयास करते हैं, यह आपत्तिजनक है ! इसे रोकने हेतु कठोर कानून के साथ प्रभावकारी कार्यवाही आवश्यक है !
सरस्वती शिशु मंदिरों से कभी भी आतंकवादी तथा वासनांध निर्माण नहीं होते हैं, यह विश्वविख्यात है, परंतु ऐसा मदरसों के संदर्भ में नहीं है, इसे मसूद भी जानते हैं ! तब भी वे इस प्रकार का वक्तव्य देकर अपने मुसलमान मतदाताओं को प्रसन्न रखने का प्रयास कर रहे हैं !
हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का इस प्रकार उपहास उडानेवाले कांग्रेसवालों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट कर उन्हें ही कारावास में डालना चाहिए !
हमें जिन बातों की जानकारी होती है, उसे परिपूर्ण मानकर हम उनके आधार पर कुछ निष्कर्ष निकालते रहते हैं अथवा उस विषय में स्वयं का मत बना लेते हैं, तथापि उन्हीं बातों में ऐसे अनेक पक्ष होते हैं, जिनके विषय में हमें कुछ भी ज्ञात नहीं होता । कुछ दिन पूर्व ही गोवा में आयोजित … Read more