बेंगलुरू – कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने ६ जनवरी २०२३ को हिन्दुत्व को लेकर वक्तव्य दिया ।l उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी राम मंदिर का विरोध नहीं किया । मैं हिन्दू हूं; किंतु हिन्दुत्व के विरुद्ध हुं । (जिस प्रकर शक्कर तथा उसकी मिठास हम अलग नहीं कर सकते, वही स्थिति हिन्दू एवं हिन्दुत्व का है, इतना भी न समझनेवाले सिद्धरमैया ! – संपादक)
Hubballi | When I am a Hindu how can I be anti-Hindu? I am Hindu but I oppose Hindutva. I oppose doing politics in the name of Hindutva. It has been mentioned in the Constitution that all religions are equal: Karnataka LoP Siddaramaiah (06.01) pic.twitter.com/imz4M5pmyY
— ANI (@ANI) January 7, 2023
१. राम मंदिर को माध्यम बनाकर राजनीतिक लाभ उठानेवालों के मैं विरुद्ध हुं । भाजपा राम मंदिर का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है सिद्धरमैया ने यह आरोप लगाया । सोशल मीडिया से बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में सर्व धर्म समान हैं । (यदि ऐसा है, तो कांग्रेस ने इतने वर्षों तक एक विशिष्ट धर्म के लोगों को विशेष छूट क्यों दी? सिद्धरमैया ने इसके द्वारा राजनीतिक लाभ उठाने वाली कांग्रेस का विरोध क्यों नहीं किया ? – संपादक)
२. भाजपा महासचिव सी.टी. रवि ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को ‘सिद्धरमैया खान’ संबोधित किया था । उस पर टिप्पणी करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि हमारे देश की एक अलग धार्मिक संस्कृति है । प्रत्येक व्यक्ति की ओर एक मनुष्य के रूप में देखना चाहिए । जातिवाद को बढावा देने वालों का कांग्रेस पार्टी ने सदा विरोध किया है । (यह सर्वविदित है कि स्वतंत्रता के ७५ वर्ष के पश्चात भी आरक्षण जारी रखकर कांग्रेस ने समाज में फूट डाली एवं राजनीतिक लाभ लेने के लिए जातिवाद को बढावा दिया ! – संपादक)