बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर का हिन्दूद्वेषी वक्तव्य !
पाटलीपुत्र (बिहार) – ‘मनुस्मृति’, ‘रामचरितमानस’ तथा ‘बंच ऑफ थॉट्स’ (भूतपूर्व सरसंघचालक पू. गोलवलकर गुरुजी की लिखी पुस्तक) समान ग्रंथ जला देने चाहिए । इन ग्रंथों ने द्वेष फैलाने का काम किया है तथा लोगों को अनेक पीढियां पीछे धकेलने का काम किया है, बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने ऐसे निरर्थक वक्तव्य दिए हैं तथा वे उनके वक्तव्य पर अडिग हैं । उनके इस वक्तव्य का हिन्दू संगठन, संत तथा महंत आदि द्वारा विरोध किया जा रहा है । अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने चंद्रशेखर की जीभ काटने हेतु १० करोड रुपए का पारितोषिक घोषित किया है ।
#BiharEducationMinister refuses to apologise for saying 'Ramcharitmanas spreads hatred'#Ramcharitmanas https://t.co/xdjChER2Xq
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) January 12, 2023
(कहते हैं) ‘इन ग्रंथों से ८५ प्रतिशत लोग अनेक पीढी पीछे गए !’
शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने ११ जनवरी को नालंदा के मुक्त विश्वविद्यालय (ओपेन यूनिवर्सिटी)के १५ वें दीक्षांत समारोह में कहा कि देश की जातियों ने समाज जोडने का नहीं, अपितु तोडने का काम किया है । इसमें मुख्य रूप से मनुस्मृति, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भूतपूर्व सरसंघचालक माधव गोलवलकर लिखित ‘बंच ऑफ थॉट्स’ ग्रंथों ने ८५ प्रतिशत लोगों को अनेक पीढियां पीछे ले जाने का काम किया है । इन ग्रंथों के कारण देश के राष्ट्रपति तथा मुख्यमंत्री को भी मंदिरों में जाने से रोका गया । ये ग्रंथ द्वेष बोते हैं । डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने इस ग्रंथ का विरोध किया । उन्होंने मनुस्मृति को जलाने का काम किया तथा रामचरितमानस ग्रंथ पर भी डॉ. आंबेडकर ने आलोचना की है । ‘शिक्षा का अधिकार मिलने पर निचली जाति के लोग ‘विषैले’ हो जाते हैं’, इन ग्रंथों में ऐसा कहा गया है । एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस तथा तीसरे युग में ‘बंच ऑफ थॉट्स’ ने समाज में केवल द्वेष ही फैलाया । कोई भी देश द्वेष से नहीं, अपितु प्रेम से महान बन सकता है ।
चंद्रशेखर की जीभ काटनेवाले को १० करोड रुपए का पारितोषिक देंगे ।
चंद्रशेखर के वक्तव्य के उपरांत उस पर अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने आलोचना करते हुए कहा कि चंद्रशेखर के वक्तव्य के कारण पूरे देश के हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं । यह सनातनी लोगों का अपमान है । इस वक्तव्य पर वैधानिक कार्यवाही होनी चाहिए । उसी प्रकार उन्होंने आवाहन किया कि यदि उन्होंने एक सप्ताह के अंदर क्षमा याचना नहीं की, तो उनकी जीभ काटनेवाले को हम १० करोड रुपए का पारितोषिक देने की घोषणा करेंगे ।
भाजपा द्वारा भी निषेध
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजादा पुनावाला ने ट्वीट कर चंद्रशेखर का निषेध किया । उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षामंत्री रामचरितमानस ग्रंथ को द्वेष फैलानेवाला ग्रंथ कहते हैं । कुछ दिन पूर्व ही राष्ट्रीय जनता दल के जगदानंद सिंह ने श्रीरामजन्मभूमि को द्वेष भूमि कहा था । क्या यह योगायोग नहीं ? यह सभी मतदाताओं को आकर्षित करने हेतु किया जा रहा है । ऐसे लोगों पर कार्यवाही कब होगी ?
संपादकीय भूमिका
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