मणिपुर में हिंसा अनायास घटित नहीं हो रही है बल्कि निर्माण की जा रही है ! – प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत

वह यहां संघ के विजयादशमी समारोह में बोल रहे थे । इस अवसर पर प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे ।

सांस्कृतिक शक्ति एवं क्षमता के बल पर भारत विश्व के लिए आशा की किरण बनने में सक्षम !

भारत विश्व को ज्ञान, शुद्धता, समृद्धि एवं समर्पण सिखाने में सक्षम है ।  हम सूर्य की पूजा करते हैं, इसलिए हमारे देश को ‘भारत’ के नाम से संबोधित किया जाता है । 

वेदरक्षण की परंपरा के विस्तार की आवश्यकता ! – प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत

आने वाला समय भारत और सनातन धर्म का है । वेद ज्ञान के भंडार हैं । वेदों में सभी कुछ है । नियमित होने वाले आक्रमणों के कारण सभी ओर विशेषत: उत्तर भारत में वैदिक ज्ञान की बडी हानि हुई । अग्निहोत्र के अनुयायियों ने युगों- युगों से इस ज्ञान की रक्षा की है ।

भारत का इस्लाम सबसे अधिक सुरक्षित ! – प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

‘इस्लाम खतरे में है’, ऐसी बांग देने वाले धर्मांध मुसलमान नेता, उसी प्रकार ‘भारत में मुसलमान असुरक्षित जीवन जी रहे हैं, ऐसी आवाज उठाने वाले लोगों को इस पर उत्तर पूछना चाहिए !

(और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दूराष्ट्र के वातावरण के कारण खालिस्तानी अमृतपाल खालिस्तान की मांग करने का साहस करता है !’ – मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

खालिस्तानी आतंकवादी भिंड्रावाले को आगे बढाने का राष्ट्रघाती काम कांग्रेस ने किया था, इस विषय में गहलोत क्यों नहीं बोलते ? गहलोत इस माध्यम से एक प्रकार से अमृतपाल के कामों का समर्थन कर रहे हैं, यह ध्यान में लें !

भारत का विभाजन चूक है, इसे पाकिस्तान भी स्वीकारता है ! – प.पू. सरसंघचालक मोहनजी भागवत

यहां सिंधी समाज के कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस समय राज्य के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित थे ।

संघ की शाखाओं में महिलाओं को प्रवेश देने के विषय में हो सकता है निर्णय !

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की ३ दिवसीय बैठक का १२ मार्च से प्रारंभ हुआ । इस बैठक में संघ की शाखाओं द्वारा महिलाओं को जोडने के विषय पर चर्चा होगी ।

ब्रिटिश शासन से पूर्व भारत में ७० प्रतिशत जनसंख्या शिक्षित थी ! – सरसंघचालक !

ब्रिटिश सरकार से पूर्व देश की ७० प्रतिशत जनसंख्या शिक्षित थी तथा उस समय बेरोजगारी भी नहीं थी । दूसरी ओर इंग्लैंड में केवल १७ प्रतिशत लोग शिक्षित थे ।

जमियत के नेता मौलाना मदनी का दावा, ‘अल्लाह एवं ॐ एक ही हैं’ !

मौलाना मदनी का भाषण चलते समय ही जैन मुनि लोकेश ने उनके वक्तव्य पर तीव्र आपत्ति दर्शाई है । ‘यह अधिवेशन लोगों को जोडने के लिए आयोजित किया गया है । इसलिए ऐसे वक्तव्य की कोई भी उपयुक्तता नहीं है’, ऐसा कहते हुए वे मंच से नीचे उतर गए उनके साथ अन्य धर्मों के संत भी मंच से नीचे उतर आए ।

मैंने ‘ब्राह्मण’ नहीं, ‘पंडित’ शब्द का उच्चारण किया था ! – प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत

मैंने ‘ब्राह्मण’ शब्द का नहीं, ‘पंडित’ शब्द का उच्चारण किया था । जो बुद्धिमान होता है, उसे ‘पंडित’ कहते हैं, ऐसा स्पष्टीकरण प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत ने ब्राह्मणों के विषय में उनपर लगाए गए खोटे आरोप पर किया है ।