हम सभी में भेदभाव उत्पन्न करने के लिए जात-पात की खाई निर्माण किया गया ! – सरसंघालक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रतिपादन किया है कि अनेक ऐतिहासिक घटनाएं हमें कभी बताई नहीं गईं, अथवा ठीक से पढाई नहीं गई हैं ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रतिपादन किया है कि अनेक ऐतिहासिक घटनाएं हमें कभी बताई नहीं गईं, अथवा ठीक से पढाई नहीं गई हैं ।
हम अहिंसा का सम्मान करते है, परन्तु हाथ में लाठी लेकर ही अहिंसा का सम्मान किया जाएगा ! – सरसंघचालक
हिन्दू धर्म का परित्याग न करें, इसलिए, उपस्थित हिन्दुओं को शपथ दिलाई गई !
लोगों को केवल ‘जय श्रीराम’ नहीं बोलना चाहिए, अपितु प्रभु श्रीराम जैसा बनने का प्रयास भी करना चाहिए ।
मुसलमान समाज के समझदार और अच्छे विचारों के नेताओं को आततायी वक्तव्यों का विरोध करना चाहिए । उन्हें यह काम लंबे समय तक और प्रयास पूर्वक करना होगा ।
केंद्र की भाजपा सरकार को सरसंघचालक के वक्तव्य का गंभीरता से संज्ञान लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रयास करने चाहिएं, यही जनता को लगता है !