भोपाल (मध्य प्रदेश) – प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत ने वक्तव्य दिया है, ‘भारत एवं पाकिस्तान का विभाजन कृत्रिम है । अब पाकिस्तान के लोगों को लगता है कि विभाजन एक भूल थी ।’ यहां सिंधी समाज के कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस समय राज्य के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित थे । उन्होंने घोषणा की है, ‘मध्य प्रदेश के पाठ्यक्रम में सिंधी महापुरुषों का इतिहास पढाया जाएगा । घोषणा की गई कि सम्राट दाहिर सेन तथा हेमू कालानी की जीवनी को समाहित किया जाएगा ।’
#WATCH | Bhopal: Today people of Pakistan are saying that (partition of India) was a mistake. Those who got separated from India, from their culture, are they still happy? Those who came to India are happy today but those who are there (in Pak) are not happy: RSS chief (31.03) pic.twitter.com/OOdxGi8HFg
— ANI (@ANI) April 1, 2023
सरसंघचालक द्वारा प्रस्तुत सूत्र
१. हमें नए भारत का निर्माण करना है । भारत खंडित हो गया है । उस (पाकिस्तान की) भूमि से सदा हमारा संबंध रहेगा । हम सिंधु संस्कृति को भूल नहीं पाएंगे । सिंधु नदी का सूक्त वेदों में है । यह संबंध हम तोड नहीं सकते । हम सिंध प्रदेश को भूल नहीं सकते; क्योंकि यह विभाजन कृत्रिम है । आज हम जिसे पाकिस्तान कहते हैं, वहां के लोग इसे स्वीकार करते हैं कि भूल हो गई । वे अपनी हठ के कारण भारत एवं संस्कृति से अलग हुए । क्या वे सुखी हैं ?
२. भारत में निवास के लिए जो लोग वहां से (पाकिस्तान से) आए, उन्होंने पुरुषार्थ से स्वयं का निर्माण किया । अखंड भारत सत्य है तथा खंडित भारत दुःस्वप्न ! वहां भारत को पुन: बसाना होगा । यदि समय साथ दे, तो पुनः आप वहां भारत बसा सकते हैं । इसके लिए प्रथम आवश्यकता है, सर्वस्व के त्याग के लिए उस काल के समाज की जो तैयारी थी, उसे ध्यान में लेना । सिंध को न भूलना अर्थात नई पीढी को उससे जोडना, इसके लिए समाज को एकत्रित होना होगा ।