भारत का विभाजन चूक है, इसे पाकिस्तान भी स्वीकारता है ! – प.पू. सरसंघचालक मोहनजी भागवत

प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत

भोपाल (मध्य प्रदेश) – प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत ने वक्तव्य दिया है, ‘भारत एवं पाकिस्तान का विभाजन कृत्रिम है । अब पाकिस्तान के लोगों को लगता है कि विभाजन एक भूल थी ।’ यहां सिंधी समाज के कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस समय राज्य के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित थे । उन्होंने घोषणा की है, ‘मध्य प्रदेश के पाठ्यक्रम में सिंधी महापुरुषों का इतिहास पढाया जाएगा । घोषणा की गई कि सम्राट दाहिर सेन तथा हेमू कालानी की जीवनी को समाहित किया जाएगा ।’

सरसंघचालक द्वारा प्रस्तुत सूत्र

१. हमें नए भारत का निर्माण करना है । भारत खंडित हो गया है । उस (पाकिस्तान की) भूमि से सदा हमारा संबंध रहेगा । हम सिंधु संस्कृति को भूल नहीं पाएंगे । सिंधु नदी का सूक्त वेदों में है । यह संबंध हम तोड नहीं सकते । हम सिंध प्रदेश को भूल नहीं सकते; क्योंकि यह विभाजन कृत्रिम है । आज हम जिसे पाकिस्तान कहते हैं, वहां के लोग इसे स्वीकार करते हैं कि भूल हो गई । वे अपनी हठ के कारण भारत एवं संस्कृति से अलग हुए । क्या वे सुखी हैं ?

२. भारत में निवास के लिए जो लोग वहां से (पाकिस्तान से) आए, उन्होंने पुरुषार्थ से स्वयं का निर्माण किया । अखंड भारत सत्य है तथा खंडित भारत दुःस्वप्न ! वहां भारत को पुन: बसाना होगा । यदि समय साथ दे, तो पुनः आप वहां भारत बसा सकते हैं । इसके लिए प्रथम आवश्यकता है, सर्वस्व के त्याग के लिए उस काल के समाज की जो तैयारी थी, उसे ध्यान में लेना । सिंध को न भूलना अर्थात नई पीढी को उससे जोडना, इसके लिए समाज को एकत्रित होना होगा ।