हमें पुनः विभाजन के मार्ग पर नहीं चलना है ! – प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत
‘हम अलग दिखते हैं, हम एक-दूसरे के नहीं हैं तथा हमें हमारा अलग चाहिए; यह अनुचित विचार है । हमने इन अनुचित विचारों का दुखद परिणाम देखा है । ऐसे विचारों के कारण भाई बिछड गया, भूमि बांटी गई; साथ ही धर्म एवं संस्थाएं मिट गईं ।