हमें पुनः विभाजन के मार्ग पर नहीं चलना है ! – प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत

‘हम अलग दिखते हैं, हम एक-दूसरे के नहीं हैं तथा हमें हमारा अलग चाहिए; यह अनुचित विचार है । हमने इन अनुचित विचारों का दुखद परिणाम देखा है । ऐसे विचारों के कारण भाई बिछड गया, भूमि बांटी गई; साथ ही धर्म एवं संस्थाएं मिट गईं ।

सरसंघचालक को ‘राष्ट्रपिता’ संबोधित करने वाले इमाम को इंगलैंड और पाकिस्तान से सिर काटने की धमकियां

सरसंघचालक ने सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल और वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार सहित मस्जिद में जाकर उमर अहमद इलियासी से भेंट की थी । तबसे इमाम उमर अहमद इलियासी को धमकियां मिल रही हैं ।

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने देहली में मस्जिद में जाकर मुसलमान नेता से भेंट की !

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने देहली में कस्तुरबा गांधी मार्ग पर स्थित मस्जिद का भ्रमण कर ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’ के प्रमुख डॉ. उमर अहमद इलयासी से भेंट की ।

हिन्दुत्व की शिक्षा को शिक्षाव्यवस्था में सम्मिलित किया जाए ! – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

अमरीका और ब्रिटन में हिन्दू धर्म पढाया जा रहा है । इसलिए इसे भारत में भी पढाया जाना चाहिए ।

हम सभी में भेदभाव उत्पन्न करने के लिए जात-पात की खाई निर्माण किया गया ! – सरसंघालक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रतिपादन किया है कि अनेक ऐतिहासिक घटनाएं हमें कभी बताई नहीं गईं, अथवा ठीक से पढाई नहीं गई हैं ।

भविष्य के १५ वर्ष में अखंड भारत दृश्यमान होगा ! – सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

हम अहिंसा का सम्मान करते है, परन्तु हाथ में लाठी लेकर ही अहिंसा का सम्मान किया जाएगा ! – सरसंघचालक

जो हिन्दू धर्म छोड चुके हैं, उनकी घर वापसी करेंगे ! – सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

हिन्दू धर्म का परित्याग न करें, इसलिए, उपस्थित हिन्दुओं को शपथ दिलाई गई !

विगत ७४ वर्षाें में देश ने अपेक्षित विकास नहीं किया; क्योंकि उसके लिए अपनाया गया मार्ग उचित नहीं था ! – सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

लोगों को केवल ‘जय श्रीराम’ नहीं बोलना चाहिए, अपितु प्रभु श्रीराम जैसा बनने का प्रयास भी करना चाहिए ।

‘इस्लाम’ विदेशी आक्रांताओं के साथ भारत में आया’, यह इतिहास है वैसा बताना आवयक ! – मोहन भागवत, संघ प्रमुख, रा.स्व. संघ 

मुसलमान समाज के समझदार और अच्छे विचारों के नेताओं को आततायी वक्तव्यों का विरोध करना चाहिए । उन्हें यह काम लंबे समय तक और प्रयास पूर्वक करना होगा ।

जब तक हम चीन पर निर्भर रहेंगे, तब तक हमें उसके सामने झुकना पडेगा ! – सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

केंद्र की भाजपा सरकार को सरसंघचालक के वक्तव्य का गंभीरता से संज्ञान लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रयास करने चाहिएं, यही जनता को लगता है !