राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत का विजयादशमी समारोह में वक्तव्य !
नागपुर – मणिपुर में जो हिंसा हो रही है वह अनायास नहीं हो रही है, बल्कि निर्माण की जा रही है । एक दशक तक शांतिपूर्ण रहे, मणिपुर में अचानक हिंसाचार कैसे भडक उठा ? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत द्वारा यह प्रश्न किया गया कि, क्या हिंसा करने वालों में सीमा पार से आये उग्रवादी भी थे। वह यहां संघ के विजयादशमी समारोह में बोल रहे थे । इस अवसर पर प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे ।
सरसंघचालक ने आगे कहा…
१. देश में राजनीतिक दल अपने हितों के लिए अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कोपराजित करने के हेतु से राष्ट्र विघातक शक्तियों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं । ऐसा करना अविवेक पूर्ण है ।
२. २२ जनवरी २०२४ को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति वहांनहीं आ सकता; अत: प्रत्येक भारतीय को अपने-अपने गांव में अलग-अलग मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए ।
३. कुछ विध्वंसकारी शक्तियां स्वयं को ‘सांस्कृतिक मार्क्सवादी’ कहती हैं । वे संसार की संपूर्ण व्यवस्था, शालीनता, संस्कार और संयम के विरोधी हैं । मुट्ठी भर लोगों का संपूर्ण मानव जाति पर प्रभाव होना चाहिए; इसलिए वे अराजकता की पक्षधर हैं एवं उसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं ।’
गायक शंकर महादेवन ने भाषण का प्रारंभ सरस्वती वंदना से किया । उन्होंने गौरव करते हुए उल्लेख किया की, संघ ने अखंड भारत की विचार, परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में अत्यंत अनमोल योगदान दिया है । कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित रहे ।