नागपुर – एक समय स्पेन से लेकर मंगोलिया तक संपूर्ण विश्व को इस्लामी आक्रमणों का डर था; लेकिन धीरे-धीरे लोग जागृत होने लगे। उन्होंने युद्ध कर आक्रमण करने वालों को पराजित किया । इस कारण इस्लाम उनके मूल स्थान तक ही सीमित रहा । आक्रमणकर्ता निकल गए । अब भारत का इस्लाम सबसे अधिक सुरक्षित है, ऐसा मत प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने व्यक्त किया । वे यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
प. पू. सरसंघचालक ने आगे कहा कि
१. बाहर के लोगों से (मुसलमानों से) संबंध भूलकर इस देश में रहें । आज भी जो लोग उन बाहर के लोगों के प्रभाव में हैं, वे भी बाहर के न होकर अपने ही हैं, ऐसा समझकर हमें उनसे अच्छा वर्तन करना चाहिए । यदि उनके विचार करने में कुछ कमी होगी, तो उनका प्रबोधन करना हमारा दायित्व है ।
२. अपने अहंकार और भूतकाल को ध्यान में रखने के कारण हमें इकट्ठा आने में डर लगता है ।
३. ‘हमारी प्रार्थना की पद्धतियां अलग होंगी, तो भी हम इस देश के हैं और हमारे पूर्वज भी भारत के ही थे’ , यह वास्तविकता हमें स्वीकार करना आवश्यक है ।
४. भारत में लोकतंत्र होने के कारण राजनीतिक मतभेद रहेगा ही । सत्ता के लिए स्पर्धा और एक दूसरे पर टिप्पणियां होती ही रहेंगी; लेकिन सत्ता प्राप्ति के लिए टिप्पणी करते समय जनता से विसंवाद निर्माण नहीं होगा, इसका विवेक राजनीतिक पार्टियों को संभालना चाहिए ।
संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष (सामान्य) 2023 समापन समारोह ,नागपुर महानगर https://t.co/FUKUH8hT86
— RSS (@RSSorg) June 1, 2023
संपादकीय भूमिका‘इस्लाम खतरे में है’, ऐसी बांग देने वाले धर्मांध मुसलमान नेता, उसी प्रकार ‘भारत में मुसलमान असुरक्षित जीवन जी रहे हैं, ऐसी आवाज उठाने वाले लोगों को इस पर उत्तर पूछना चाहिए ! |